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मप्र हाईकोर्ट का अहम फैसला, नाबालिग है रेप पीडि़त, छह माह के अंदर पूरी करो सुनवाई

locationजबलपुरPublished: Jun 08, 2019 08:22:52 pm

Submitted by:

abhishek dixit

हाईकोर्ट ने पन्ना जिला अदालत को दिए निर्देश, आरोपित की जमानत अर्जी निरस्त

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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने पन्ना जिला अदालत को निर्देश दिया कि 2017 में हुई रेप की वारदात की पीडि़त नाबालिग व अनुसूचित वर्ग की है। इसलिए मामले की सुनवाई हर हालत में छह माह के अंदर पूरी कर ली जाए। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की अवकाशकालीन सिंगल बेंच के रुख को देखते हुए वारदात के आरोपित की ओर से पेश जमानत की अर्जी वापस लेने की प्रार्थना की गई। इस पर कोर्ट ने उक्त निर्देश के साथ जमानत अर्जी निरस्त कर दी।

अभियोजन के अनुसार पन्ना के कोतवाली थानांतर्गत अगस्त 2017 में अनुसूचित जाति की नाबालिग का अपहरण कर रेप की वारदात को अंजाम दिया गया। जांच के बाद पुलिस ने धाम मोहल्ला पन्ना निवासी आसिफ उर्फ आशिक अहमद को चार अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ भादंवि की धारा 363,366,343,376, पॉक्सो एक्ट एवं एससीएसटी एट्रोसिटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एट्रोसिटी एक्ट पन्ना की अदालत ने आरोपित आसिफ की जमानत अर्जी 10 अप्रैल 2019 को खारिज कर दी। इसी आदेश को अपील के जरिए हाईकोर्ट मेंं चुनौती दी गई। शासकीय अधिवक्ता आरके त्रिपाठी ने अर्जी का विरोध किया। इस पर अधिवक्ता काजी फखरुद्दीन ने कुछ देर बहस के बाद अर्जी वापस लेने का आग्रह कर दिया। कोर्ट ने आग्रह मंजूर कर जिला अदालत को तीव्रता के साथ मामले का निराकरण करने का निर्देश देकर अर्जी खारिज कर दी।

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