यदि वर्तमान समय में जिले में कृषि के रकबे की बात करें तो उसका क्षेत्रफल करीब 2 लाख 78 हजार हेक्टेयर है। जबलपुर, गोरखपुर, अधारताल और रांझी तहसील के अंतर्गत कई क्षेत्रों में जहां खेती होती थी, वहां अब प्लॉटिंग हो रही है। कृषि भूमि को कॉलोनाइजर ने आवासीय भूमि में डायवर्सन करवा लिया है। आवासीय क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी की एक बड़ी वजह जनसंख्या भी है। यदि हम जिले की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की आबादी की बात करें तो वर्ष 2011 की जनगणना में यह करीब 24 लाख 60 हजार थी, लेकिन अब यह 28 लाख तक पहुंच गई है।
किस तरफ ज्यादा विस्तार
नगर निगम की सीमा अब भेड़ाघाट के पास तेवर गांव तक पहुंच गई है। भेड़ाघाट नगर परिषद के कुछ गांव तक इसमें जुड़ गए हैं। लम्हेटाघाट और गोपालपुर तक सीमा हो गई है। कटंगी मार्ग की बात करें तो करमेता, परसवारा और सूरतलाई तक शहर बढ़ चुका है। हजारों मकान बन गए हैं। कटनी रोड की बात करें तो पनागर और जबलपुर के बीच में अंतर कम रह गया है। इमलिया तक तो नगर निगम की सीमा है। मंडला रोड तरफ जाएं तो तिलहरी से लगे क्षेत्र के अतिरिक्त भटौली, जमतरा, कजरवारा और ग्वारीघाट गुरुद्वारा से लगे कुछ गांव भी इसमें शामिल हो गए हैं। डुमना तरफ भी तेजी से आबादी क्षेत्र बढ़ा है। यहां भी नगर निगम सीमा में कई गांव शामिल हो चुके हैं। रांझी में मोहनिया और मानेगांव में भी आबादी बढ़ गई है। यहां पहले खेती होती थी अब मकान बन गए हैं। खमरिया में पिपरिया और सोनपुर तक यही स्थिति है।
तहसील– कुल भौगोलिक क्षेत्र–कृषि का रकबा
जबलपुर 117690 72447
पनागर 45790 54833
कुंडम 104243 66786
पाटन 60773 99011
शहपुरा 81549 103370
मझौली 60484 57173
सिहोरा 49268 83885
(नोट: वर्ष 2019 का कृषि का रकबा पड़ती भूमि सहित हेक्टेयर में। )
तहसील जनसंख्या
जबलपुर 1370673
पनागर 264780
कुंडम 123443
पाटन 163738
शहपुरा 191710
मझौली 163738
सिहोरा 182560