अमेरिका से शुरुआत
वल्र्ड वेजिटेरियन डे की शुरुआत साल 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी द्वारा की गई थी। उनका मकसद लोगों को शाकाहारी भोजन के लिए प्रेरित करना था। लोगों को शाकाहारी भोजन की ओर आकर्षित करने के मकसद से 1 अक्टूबर को वेजिटेरियन डे के रुप में मनाने की शुरुआत हुई।
वेज खाने वाले युवा बढ़े
शहर के एक नामी होटल के संचालक के अनुसार उनके रेस्तरां में शाकाहार और मांसाहार दोनों प्रकार का भोजन परोसा जाता है। पहले रेस्तरां में युवा मांसाहार की मांग करते थे। लेकिन कुछ समय से ग्राहक बदले है। अब युवा शाकाहर व्यंजन पसंद कर रहे है। पहले रेस्तरां में 70 प्रतिशत तक बिक्री मांसाहार व्यंजन की होती थी। अब यह मात्रा शाकाहार के बिक्री की हो गई है। ज्यादातर युवा शाकाहार को हेल्दी और स्वास्थ्य के बेहतर मानते है। उनका मानना है कि मांसाहार के बासी या किसी प्रकार के संक्रमण से स्वास्थ्य को ज्यादा नुकसान होता है।
बराबर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन
होम साइंस कॉलेज में प्रोफेसर और न्यूट्रीशियन एक्सपर्ट प्रो. राजलक्ष्मी त्रिपाठी के अनुसार ये मिथक है कि शाकाहारियों को प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलता। सच ये है कि सब्जियों में 23 प्रतिशत, बीन्स में 28 प्रतिशत, गेहूं, बाजरा जैसे ग्रेन्स में 13 प्रतिशत, और फलों में 5.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है। शाकाहार न केवल शीघ्र पाच्य है बल्कि साग-सब्जियों से कैल्शियम भी प्राप्त होता है। एक सर्वे के मुताबिक हाल के वर्षों में 94 प्रतिशत वेज हेल्दी फूड ऑर्डर में बढ़ोतरी हुई है। कई प्रकार की बीमारियों में मांसाहार हानिकारक है। लेकिन शाकाहार सेहत के लिए फायदेंमंद है।