आयुर्वेदाचार्य पीजी तिवारी का कहना है कि पेट संबंधी कई दवाएं बाजार में उपलब्ध हैं, लेकिन पेट से जुड़ी कई तरह कीबीमारियों का इलाज हम घरेलू नुस्खे से कर सकते हैं। इसके लिए पंसारी की दुकार से केवल छोटी हरड़ लाना पड़ेगा। इसे स्थानीय भाषा में हर्रा भी कहते हैं। इसके उपयोग से कब्जियत, गैस समस्या के साथ ही कफजनित बीमारी का भी निदान हो जाएगा।
दवा तैयार करने की विधि
कब्जियत और गैस संबंधी समस्या को दूर करने इसे तीन तरह से ले सकते हैं। पाउडर के रूप में, चबाकर या फिर फुलाकर। इसे मिक्सी में पीसने की बजाय खल में कूटकर तैयार करना अधिक गुणकारी होता है। तैयार किए गए पाउडर को एक कांच के जार में रख लें और रोज रात को सोने के पूर्व एक चम्मच हरड़ पाउडर गुनगुने पानी के साथ लेने से कब्जियत और गैस्ट्रिक समस्या दूर हो जाएगी।
पाउडर रूप में
हरड़ के तैयार किए गए पाउडर का रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ उपयोग करें।
फुलाकर
दूसरा तरीका है रात में दो हरड़ साफ पानी में फुला दें और सुबह हरड़ को चबाने के बाद पानी भी पी लें, इससे पेट की पुरानी से पुरानी कब्जियत दूर हो जाएगी।
चबाकर
यह है कि इसके छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और दिन में तीन से चार बार इसे चबाते रहें, इससे पेट के साथ ही कफ संबंधी बीमारी में लाभ मिलेगा।
शुगर पेसेंट के लिए भी उपयोगी है दवा
यह स्वाद में कसैला होता है, इसलिए शुगर पेसेंट के लिए भी उपयोगी है। शुगर पेसेंट भी इसका नियमित उपयोग कर सकते हैं।