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मौसम विभाग का पूर्वानुमान
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पूर्व मध्यप्रदेश में बनते रहेंगे बादल
अप्रैल में ही पारा सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा
मई-जून में और रुलाएगी गर्मी
नर्मदा के तटवर्ती जिलों में बनेगा लोकल सिस्टम-
वैज्ञानिकों के अनुसार तेज गर्मी के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश खासकर नर्मदा के तटवर्ती जिलों में लोकल सिस्टम से बादल बनेंगे। चार-पांच दिन के अंतराल में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बादल, बूंदाबादी या बारिश की स्थिति बनेगी।
आइआइटी गांधी नगर की रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार देश के 50 प्रतिशत हिस्से में भूमिगत जल स्तर में कई आई है। इसलिए लोगों की नजर मानसून पर रहेगी। प्रशांत महासागर में अलनीनो सक्रिय है। मानसून सीजन शुरू होने तक इसके कमजोर पडने का अनुमान है। यदि ऐसा होता है तो अच्छी बारिश होगी।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण हर वर्ष तापमान ज्यादा हो रहा है। हालांकि गर्मी के सीजन में बादल, बारिश का सिस्टम बनता रहेगा।
– डॉ. वेदप्रकाश सिंह, रडार प्रमुख, मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल
ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान बढ़ रहा है। स्थानीय स्तर पर पेड़ों की संख्या में कमी से तापमान में वृद्धि हो रही है।
डॉ. मनीष भान, वैज्ञानिक मौसम, जेएनकेवि, जबलपुर
उत्तरी हवा भी बेअसर, 41.8 डिग्री पर पहुंचा पारा
श हर में रविवार सुबह से सूरज के तीखे तेवर ने गर्मी बढ़ा दी। उत्तरी हवा भी लगातार बढ़ रहे पारे पर ब्रेक नहीं लगा सकी। आसमान साफ होने के कारण दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 41.8 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। दोपहर बाद सडक़ों और बाजारों में सन्नाटा पसर गया। धूप से बचने के लिए सभी जतन करने के बाद भी राहत नहीं मिल रही थी। इसलिए लोग घरों में ही कैद रहे। पंखे-कूलर चलाने के बाद भी गर्मी से राहत नहीं मिल रही थी। शहर में रविवार को न्यूनतम तापमान आंशिक कमी के साथ 23.4 डिग्री सेल्सियस रेकॉर्ड किया गया। सुबह की आद्र्रता 27 और शाम की आद्र्रता 16 प्रतिशत रही।
फसलों को बचाएं किसान
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार पूर्वी मध्य प्रदेश के जिलों में 15 से 17 अप्रैल तक अंधड़, बारिश के साथ ओले गिर सकते हैं। किसानों को फसलों को काटकर नहीं छोडऩे और अनाज को सुरक्षित करने की सलाह दी गर्ई है।