जबलपुर. शहर में सोलर पैनल लगाने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। सरकारी विभागों के साथ ही निजी उपभोक्ता, स्कूल-कॉलेज व अस्पतालों में पांच से 1500 किलोवाट तक के सोलर पैनल लगाने के आवेदन बिजली कंपनी में पहुंचे हैं। पांच उपभोक्ताओं द्वारा लगाए जाने वाले सोलर पैनल की क्षमता एेसी है कि यहां की बिजली को एचटी लाइन से जोडऩा होगा। पश्चिम संभाग में अब तक 17 लोगों के आवेदन पहुंचे हैं, इसमें चार उपभोक्ताओं के यहां चार से पांच किलोवाट क्षमता के लगाए गए सोलर पैनल से बिजली का उत्पादन होने लगा है।
जानकारी के अनुसार जीआरसी में शहर का सबसे बड़ा सोलर पैनल लगाने की कवायद शुरू की गई है। यहां 1500 किलोवाट का सोलर पैनल लगाने के लिए मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस की तरफ से आवेदन दिया गया है। यहां उत्पादित बिजली को नेट मीटरिंग के जरिए एचटी लाइन से जोड़ा जाएगा, वहीं सिटी अस्पताल की तरफ से 130 किलोवाट क्षमता का सोलर लगाया जा रहा है।
नेट मीटरिंग से ग्रिड में होती है सप्लाई
सभी उपभोक्ताओं के यहां लगे सोलर पैनल की बिजली को नेट मीटरिंग के माध्यम से उनकी फ्रिक्वेंसी के अनुसार एलटी या एचटी लाइन से जोड़ा जाता है, इसमें वोल्टेज, फ्रिक्वेंसी का मिलान करना होता है। इसके बाद सिंक्रोनाइज किया जाता है।
उपभोक्ताओं को इस तरह लाभ
सोलर पैनल से उत्पादित बिजली को उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग की गई यूनिट से घटा दिया जाता है। यदि उत्पादित यूनिट अधिक है, तो पावर एक्सचेंज के अंतर्गत अगले महीने की खपत में इसे डाल दिया जाता है। जबकि, खपत की तुलना में उत्पादित यूनिट कम रहती है तो उतने की बिलिंग की जाती है।
शहर में सोलर बिजली को लेकर लोगों में जागरुकता बढ़ी है। ऊर्जा विकास निगम की तरफ से अभी सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी भी दी जा रही है। अब तक 17 आवेदन मिले हैं। चार उपभोक्ताओं के यहां सोलर से बिजली बनने भी लगी है।
हिमांशु अग्रवाल, डीई, पश्चिम संभाग