scriptयहां चोरी-छिपे जंगली रास्तों से शहर पहुंचा देते हैं रेत | Here the sand reaches the city through secretly forest paths | Patrika News

यहां चोरी-छिपे जंगली रास्तों से शहर पहुंचा देते हैं रेत

locationजबलपुरPublished: Dec 19, 2019 12:00:41 pm

Submitted by:

manoj Verma

कार्रवाई बेअसर, नर्मदा से निकाली जा रही रेत, धरमपुरा-मगरमुंहा-मालकछार से निकाली जा रही रेत

नर्मदा से निकाली जा रही रेत

धरमपुरा-मगरमुंहा-मालकछार से निकाली जा रही रेत, कार्रवाई बेअसर

जबलपुर। जिला प्रशासन की सारी कार्रवाई को चुनौती देते हुए रेत माफिया नर्मदा से रेत निकालने में जुटे हैं। भेड़ाघाट से लगे धरमपुरा, मगरमुंहा और मालकछार में नदी किनारे अवैध रूप से तैयार किए गए घाटों पर किश्ती से रेत की निकासी की जा रही है, जो ट्रॉली और डम्परों से ढोई जा रही है। रेत डम्परों के जरिए जंगली रास्तों के जरिए बायपास तक पहुंच रही है।
भेड़ाघाट बायपास तक डम्परों, हाइवा से पहुंचने वाली रेत का खुलासा यहां से हो रहा है, जहां बायपास से भेड़ाघाट रोड पर जंगल का फायदा उठाकर चोर रास्ते बना लिए गए हैं। इन उबड़-खाबड़ रास्तों पर भारी वाहन रात-दिन रेत की ढुलाई में जुटे हुए हैं। एक्सपोज स्टिंग में यह सामने आया कि धरमपुरा रेत उत्खनन का अड्डा बन गया है। यहां दिन-रात रेत का उत्खनन किया जा रहा है। इसके अलावा मगरमुंहा और मालकछार में भी रात के समय रेत निकाली जा रही है।
किश्ती से उत्खनन
इन घाटों पर दो नाव जोड़कर उसे लकड़ी लगाकर समतल कर लिया गया है। इन नावों के जरिए लोग नदी के किनारों से रेत निकाल रहे हैं। रेत निकालने में नदी के कम गहरे वाले क्षेत्र से भी रेत निकाली जा रही है, जहां नदी के बीच में रेत का ढेर लगा दिया जाता है और समय के हिसाब से इसे नाव के जरिए किनारों पर पहुंचा दिया जा रहा है।
डम्पर-ट्रॉली में भरी जाती रेत
घाट पर डम्पर और ट्रॉली में रेत भरी जाती है। अधिक रेत होने पर यहां जेसीबी मंगाकर उससे लोडिंग की जा रही है। कम मात्रा में रेत होने पर इसे किश्ती वाले ही वाहनों में लोड कर रहे हैं।
एेसे हो रहा है परिवहन : मौके पर देखा गया है कि नदी से वाहनों में रेत भरने के बाद उसे जंगल के रास्तों के जरिए निकाला जा रहा है। धरमपुरा घाट से जंगल में बनाए गए रास्ते के जरिए इसे भेड़ाघाट के पहले निकाला जाता है और यह रेत कम होने पर वहीं उतार दी जाती है जहां मौका मिलने पर इसे बड़े वाहनों में शिफ्ट की जा रही है।
ये था नजारा
धरमपुरा गांव के आगे नर्मदा किनारे करीब आधा किलोमीटर दूर जंगल से रास्ता बनाया गया था। इस जगह से डम्पर, ट्रॉली आ जा रहे थे। यहां किश्ती में मौजूद लोग रेत निकालने में लगे हुए थे। इन लोगों के गुर्गे घाट के आसपास लगे हुए थे। रेत डम्पर में भरी जा रही थी। इस दौरान अन्य वाहन कतार में थे। रेत भरकर ये वाहन गांव वाले रास्ते से न होकर जंगल की ओर रास्ते से जा रहे थे।
मगरमुंहा में हो चुका है विरोध
मगरमुंहा में किया जा रहा रेत का अवैध उत्खनन के खिलाफ गांव के लोगों ने विरोध किया था। जिस पर प्रशासन हरकत में आया था और वहां कार्रवाई की गई थी। जांच में यह सामने आया था कि वहां अवैध उत्खनन के साथ कथित रूप से जाली पर्ची (टीपी) बनाई जा रही थी। जांच के बाद से मगरमुंहा में उत्खनन बंद कर दिया गया था लेकिन बाद में चोरी-छिपे फिर शुरू हो गया है।
यहां हुई थी कार्रवाई
झांसीघाट, मालकछार, मगरमुंहा, बेलखेड़ा
भेड़ाघाट और उससे लगे क्षेत्रों में अवैध उत्खनन पर नजर रख रहा हूं। अभी कार्रवाई की गई थी। पंचायत का सहयोग लिया जा रहा है। धरमपुरा की जानकारी नहीं है।
एसएस बघेल, प्रभारी, माइनिंग

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