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ओबीसी आरक्षण मामले में राज्य सरकार को राहत, पीएससी को भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की दी इजाजत

locationजबलपुरPublished: Feb 01, 2020 11:55:34 am

Submitted by:

Rahul Mishra

जवाब के लिए याचिकाकर्ताओं को ४ फरवरी तक समय
 
 
 
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण मामले में राज्य सरकार को फिलहाल राहत दी है। राज्य सरकार की ओर से आग्रह किया गया था कि भर्ती प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है। इसे जारी रखने के निर्देश दिए जाएं। प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया।

Jabalpur High Court

Jabalpur High Court

जबलपुर.

 

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण मामले में राज्य सरकार को फिलहाल राहत दी है। राज्य सरकार की ओर से आग्रह किया गया था कि भर्ती प्रक्रिया अभी प्रारंभिक चरण में है। इसे जारी रखने के निर्देश दिए जाएं। प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने राज्य सरकार के आग्रह को स्वीकार कर लिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने निर्देश दिए कि भर्ती प्रक्रिया याचिकाओं आधीन होगी। इस मामले में अगली सुनवाई अब 5 फरवरी को होगी।

 

हाईकोर्ट ने 28 जनवरी को एक अंतरिम आदेश के जरिए पीएससी भर्ती परीक्षा २०१९ में 14 प्रतिशत से अधिक ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से इस मामले में कोर्ट से पुर्नविचार करने का आवेदन पेश किया गया। राज्य सरकार की अर्जी पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से पक्ष रखने समय मांगा गया। कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को जवाब पेश करने के लिए ४ फरवरी तक का समय दे दिया। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता शशांक शेखर ने कहा कि पीएससी भर्ती प्रक्रिया का प्रारंभिक चरण ही पूरा हुआ है। एक- दो दिन के अंदर प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम आना है। इसकी विज्ञापित शर्तों के अनुरूप ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना है। अभी भर्ती प्रक्रिया जारी है, इसे पूरा होने में समय लगेगा । अत: इस स्थिति में भर्ती प्रक्रिया रोकी नहीं जाए। अभी प्रारंभिक प्रक्रिया को अंतिम रूप नहीं दिया जाएगा।

 

कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी नियुक्तियां हाईकोर्ट के आधीन होंगी। सरकार की ओर से महाधिवक्ता के साथ उपमहाधिवक्ता प्रवीण दुबे, शासकीय अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने पक्ष रखा। याचिकाकर्ताओंं की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी, सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता ने पैरवी की।

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