script

बदहाल व्यवस्था पर फिर हाईकोर्ट नाराज

locationजबलपुरPublished: Jan 11, 2020 08:53:39 pm

– अतिक्रमण की कार्रवाई में कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया के कोर्ट की अवमानना वाले वक्तव्य पर कहना पड़ता था जब कानून बनाने वाले ही कानून तोड़ेंगे तो क्यों ने हाईकोर्ट ही बंद कर दिया जाए।

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर शहर के पिछड़ेपन की चिंता करता रहा है। बदहाल सड़कें, अधूरी सीवर लाइन, वाटर हार्वेस्टिंग, पहाडिय़ों को अतिक्रमण मुक्त बनाने को लेकर कई बार तल्ख टिप्पणी कर चुका है। अतिक्रमण की कार्रवाई में कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया के कोर्ट की अवमानना वाले वक्तव्य पर कहना पड़ता था जब कानून बनाने वाले ही कानून तोड़ेंगे तो क्यों ने हाईकोर्ट ही बंद कर दिया जाए। इसी तरह मैकेनिक जोन और तमाम अधूरे कार्यों को लेकर कलेक्टर और एसपी को जवाब-तलब कर चुका है। इसके बावजूद व्यवस्था में कुछ भी सुधार नहीं हुआ बल्कि कोर्ट में कागजी रिपोर्ट पेश कर अवमानना से बचने की कोशिश होती है। फिर एक बार कोर्ट को कहना पड़ा है कि क्यों ने जबलपुर की व्यवस्था सुधारने के लिए मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी को यहां बैठाए जाए।
मप्र हाईकोर्ट ने शहर में नागरिक सुविधाएं दुरुस्त न होने के लिए जबलपुर नगर निगम को आड़े हाथ लिया। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को तल्ख टिप्पणी कर कहा, शहर में सड़क, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर हार्वेस्टिंग, पेयजल, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्लांट जैसी अन्य तमाम नागरिक सुविधाएं ठीक नहीं हैं। बेंच ने नगर निगम से इन सुविधाओं को सुधारने के लिए अब तक किए गए काम की विस्तृत रिपोर्ट 27 जनवरी तक मांगी।यह है मामलामप्र हाईकोर्ट ने जबलपुर नगर निगम की ओर से बनाई जा रही सीवर लाइन का काम बरसों से अधूरा पड़ा होने के चलते शहर में जलभराव के मसले पर स्वत: संज्ञान लेकर 20 सितंबर 2017 को यह याचिका दायर की। कांग्रेस नेता सौरभ शर्मा ने भी इसी मसले पर 2019 में याचिका दायर की। दोनों की सुनवाई एक साथ की जा रही है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि शहर में सीवर लाइन का काम कहीं भी पूरा नहीं हुआ है। इसके चलते शहर की जलनिकासी व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो चुकी है। जरा सी बरसात में ही शहर की सड़कें चलने योग्य नहीं रह जातीं। जनजीवन अस्तव्यस्त हो जाता है। सीवर ट्रीटमेंट प्लांटों की भी कमी है। शुक्रवार को नगर निगम की ओर से अधिवक्ता अंशुमन सिंह ने स्टेटस रिपोर्ट पेश कर बताया कि सीवर लाइन का काम जारी है। अभी पूरा नहीं हुआ। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में भी कार्य किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने असंतोष जताते हुए शहर में उपलब्ध नागरिक सुविधाओं को नाकाफी बताते हैं.

ट्रेंडिंग वीडियो