कोरोना महामारी और उससे पीड़ित आमजन की दिक्कतों के सापेक्ष निजी अस्पतालों की इलाज दर की मनमानी के संबंध में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में दर्ज की गई स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने यह निर्देश जारी किया है। बता दें कि स्वतः संज्ञान याचिका पर गत दिनों हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार को निजी अस्पतालों के लिए दरें तय करने को एक सप्ताह की मोहलत दी थी। कोर्ट ने तब राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी भी व्यक्त की थी। कोर्ट के आदेश पर सरकार ने निजी अस्पतालों में इलाज की दरें तय करने को कमेटी गठित कर दरें तय कर दी हैं। कमेटी के स्तर से तय दरों को कोर्ट में पेश किया गया जिस पर कोर्ट ने सहमति जताते हुए उसे पहली जून से लागू करने का निर्देश दिया है।
ये भी पढ़ें- High Court ने शिवराज सरकार पर की तल्ख टिप्पणी, किया जवाब तलब सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने इलाज की दरों पर तो सहमति जताई, लेकिन इसे लागू करने की तारीख पर कई आपत्तियां सामने आई हैं। सरकार इसे 10 जून से इसे लागू करना चाहती थी जिस पर अदालत मित्र समेत अन्य हस्तक्षेपकर्ताओं ने विरोध दर्ज किया। उसके बाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट स्पष्ट किया कि सरकार इस आदेश को 1 जून से ही लागू करेगी।
कोर्ट की मंजूरी के बाद निजी अस्पतों में कोरोना के इलाज को ये होंगी दरें -नई दरों के मुताबिक, अब कोविड-19 के लिए जनरल वार्ड में अधिकतम दर 5000 रुपए होगी -आईसीयू में 10 हजार रुपये प्रतिदिन की दर से अधिक वसूली अस्पताल नहीं कर सकेंगे
-इसके साथ ही वेंटिलेटर युक्त आईसीयू के लिए 17 हजार रुपये प्रतिदिन की सीमा तय की गई है -इन तय की गई दरों में नर्सिंग चार्ज, डॉक्टर फीस,डाइट और पीपीई किट का खर्चा शामिल होगा
-निजी अस्पतालों के लिए तय की गई दरों के अलावा वह सिर्फ दवा और जांच का ही पैसा ले सकेंगे