मेघदूत नगर इंदौर निवासी किन्नर संध्या (संदीप कुमार) ने 30 अन्य किन्नरों की ओर से यह जनहित याचिका दायर की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इंदौर की अधिवक्ता शन्नो शगुफ्ता खान ने तर्क दिया कि 2011 की जनसंख्या के अनुसार राज्य भर में 2900 से अधिक किन्नर हैं। इनमे से 200 से अधिक इंदौर में ही हैं। समाज की मुख्यधारा से अलग होने के चलते इनकी आजीविका का वैसे ही भिक्षाटन के अलावा अन्य जरिया नहीं है। ऐसे में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉक डाउन से इनकी हालत बहुत खराब हो गई है। भोजन सहित अन्य सुविधओं से वंचित हैं। कोई सरकारी मदद भी इन्हें नही मिल रही। लॉक डाउन के चलते ये अपना परम्परागत काम भी नही कर पा रहे हैं। इसकी वजह से अब इन लोगों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है। आग्रह किया गया कि अंतरिम राहत के रूप में ट्रांसजेंडर्स को प्रतिमाह 25-25 किग्रा राशन व 5-5 हजार रु प्रदान कराए जाएं। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांग ली।