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Mp High Court : आंगनबाड़ी सहायिकाओं से बीपीएल का सर्वे कराने पर हाईकोर्ट की रोक

locationजबलपुरPublished: Dec 05, 2019 06:34:37 pm

Submitted by:

abhishek dixit

राज्य सरकार सहित अन्य से जवाब-तलब

High Court

हाईकोर्ट

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के जरिए प्रदेशभर में आंगनबाड़ी सहायिकाओं से बीपीएल सर्वे कराने पर रोक लगा दी। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार, सचिव व आयुक्त महिला बाल विकास विभाग विकास व जबलपुर कलेक्टर को नोटिस जारी किया। सभी से जवाब मांगा गया।

कुओं की गिनती, जानवरों का सर्वे भी
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका एकता यूनियन की प्रांतीय अध्यक्ष भोपाल निवासी विद्या खंगार की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं का काम पहले से ही बहुत श्रमसाध्य हैं। उनसे दंपति सर्वे, अंत्योदय सर्वे, स्वच्छता दूत, शौचालयों की गिनती, आयोडीन नमक की जांच, गांव में कुओं की गिनती, दवा छिड़काव, जनगणना कार्य, चुनाव ड्यूटी, चुनाव नामावली का कार्य और पशु सर्वे के अलावा अन्य कार्य कराए जाते हैं।

इसके बावजूद उन पर बीपीएल सर्वे का अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया। इससे उनका मूल कार्य प्रभावित होगा। इसलिए राज्य सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने संचालनालय एकीकृत बाल विकास विभाग को इस संबंध में पत्र भेजकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से आईसीडीएस संबंधित कार्य के अतिरिक्त अन्य कार्य न कराए जाने का आग्रह किया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं से बीपीएल सर्वे कराने पर रोक लगा दी।

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