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एडीजे परीक्षा में प्रवेश पर हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय, अभ्यर्थियों को मिलेगा ये फायदा

locationजबलपुरPublished: Jan 11, 2019 09:16:21 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

ऑफलाइन आवेदन स्वीकार कर परीक्षा में शामिल करने के भी निर्देश

high court big order for ADJ exam

एडीजे परीक्षा में प्रवेश पर हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने एक अहम अंतरिम आदेश के जरिए मप्र हायर ज्यूडीशियल सर्विसेज ( एंट्री लेवल) डायरेक्ट रिक्रूटमेंट फ्रॉम बार परीक्षा 2019 में शामिल होने के इच्छुक वकीलों व सिविल जजों को उम्र-अनुभव के ङ्क्षबदुओं पर राहत दी है। चीफ जस्टिस एसके सेठ व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने 21 अभ्यर्थियों के आवेदन ऑफलाइन स्वीकार किए जाएं। इन सभी के परीक्षा परिणाम सीलबंद लिफाफे में रखा जाए। यह याचिक ाओं के अंतिम निराकरण के आधीन होगा।

दायर हुईं थीं 21 याचिकाएं
दिल्ली के वकील नरेश कुमार, विदिशिा के सुरजीत सिंह सहित अन्य वकीलों ने तथा अरविंद सिंह व अन्य सिविल जजों की ओर से 21 याचिकाएं दायर कर कहा कि 17 दिसंबर 2018 को मप्र हायर ज्यूडीशियल सर्विसेज ( एंट्री लेवल) डायरेक्ट रिक्रूटमेंट फ्रॉम बार परीक्षा 2019 के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए। अधिवक्ता जितेंद्र तिवारी, ब्रह्मानंद पांडे, मनीष अंगिरा ने तर्क दिया कि इस परीक्षा के लिए वकीलों व नवनियुक्त सिविल जजों को पात्रता है। लेकिन इन भर्तियों के लिए 2017 के संशोधित नियमों के तहत वकीलों के लिए अधिकतम आयुसीमा 45 साल कर दी गई। जबकि 1994 के नियमों के अनुसार यह 48 वर्ष थी।

ये भी दिए गए तर्क
इसी तरह सिविल जजों के बार में रहते हुए वकालत की अवधि का अनुभव नहीं माना जा रहा है। क्योंकि बार काउंसिल ने जज बनने पर उनकी सनद निलंबित कर दी थी। इसके अलावा उन सिविल जजों को भी योग्य नहीं माना जा रहा है, जिनका वकालत का अनुभव सात वर्ष से कम है पर जज के रूप में उनकी न्यायिक सेवाओं को जोडऩे पर आवश्यक अनुभव पूरा हो जाता है। इन सभी विसंगतियों को असंवैधानिक बताते हुए निरस्त करने की मांग की गई।

ऑनलाइन आवेदन लेना संभव नहीं
याचिका में आग्रह किया गया कि आवेदन पत्र स्वीकार करने की अंतिम तारीख 14 जनवरी है। लिहाजा याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार किए जाएं। इस पर मप्र हाईकोर्ट के अधिवक्ता सिद्धार्थ सेठ ने बताया कि याचिकाकर्ताओं के डेटा प्रस्तावित ऑनलाइन आवेदन के अनुरुप नहीं हैं। लिहाजा इनके आवेदन ऑनलाइन नहीं लिए जा सकते। इस पर कोर्ट ने मप्र हाईकोर्ट को निर्देश दिए कि याचिकाकर्ताओं के आवेदन 14 जनवरी तक ऑफलाइन ही मंजूर किए जाएं। इस आदेश से परीक्षा में सहभागी बनने के इच्छुक अधिवक्ताओं और सिविल जजों को बड़ी राहत मिली है।

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