जबलपुर

वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन पर फिजूल मुकदमेबाजी के लिए पचास हजार रुपए कॉस्ट

हाईकोर्ट ने अपील की खारिज, कॉस्ट की रकम दिव्यांगों को प्रदान करने का निर्देश

जबलपुरNov 17, 2019 / 12:36 am

abhishek dixit

Mp High Court Jabalpur

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने कहा कि जो सरकारी जमीन अपीलकर्ता को सौंपी ही नहीं गई, उस पर कब्जा जमाए रखने में कोई सदाशय नहीं है। जस्टिस संजय यादव व जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बेंच ने कहा कि इस प्रकार की अपील ओछी है और इसके लिए ऐसा जुर्माना (कॉस्ट) लगाया जाना चाहिए, जिससे दूसरों को सबक मिले। इस मत के साथ कोर्ट ने वर्र्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने अपीलकर्ता पर पचास हजार रु कॉस्ट लगाकर इसे दिव्यांगों के कल्याणार्थ जमा करने का निर्देश दिया।

यह है मामला
वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन भोपाल के अध्यक्ष अरशद खान की ओर से हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के 24 अगस्त 2018 के फैसले को इस अपील में चुनौती दी गई। कहा गया कि 1969 में सरकार ने अपीलकर्ता यूनियन को भोपाल के मालवीय नगर में 27007 वर्ग फीट शासकीय जमीन सामाजिक व सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए लीज पर आवंटित की थी। लेकिन भोपाल कलेक्टर ने 2 फरवरी 2015 को जमीन का अन्य गतिविधियों में उपयोग पाकर इसका आवंटन निरस्त कर दिया। इस आदेश को संभागायुक्त व राजस्व बोर्ड के समक्ष चुनौती दी गईं, लेकिन निरस्त कर दी गईं। इस पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। लेकिन 24 अगस्त 2018 को सिंगल बेंच ने याचिका निरस्त कर दी। इस फैसले के खिलाफ तर्क देते हुए अधिवक्ता अतुल नेमा ने कलेक्टर की अधिकारिता व आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। शासकीय अधिवक्ता शमीम अहमद ने इसका विरोध किया।

कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण केंद्र को दो रकम
अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिंगल बेंच का फैसला सही ठहराते हुए अपील निरस्त कर अपीलकर्ता पर कॉस्ट लगा दी। कॉस्ट की रकम तीस दिनों के अंदर नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से संचालित कृत्रिम अंग प्रत्यारोपण केंद्र में जमा करने का निर्देश दिया गया।

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