भोपाल के रिषिराज कॉलेज ऑफ डेन्टल साइन्स एंड रिसर्च सेंटर के छात्र अंकुश प्रताप सिंह व अन्य की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि उन्होंने 2011-12 के सत्र में उक्त कॉलेज में बीडीएस कोर्स में प्रवेश लिया। उस समय प्रचलित नियमों के तहत तीन साल तक प्रथम वर्ष की परीक्षा पास न करने वाले का कोर्स में प्रवेश निरस्त कर दिया जाता था। लिहाजा याचिकाकर्ता बीडीएस की परीक्षा फिर नही दे सके। 2015 में सरकार ने बीडीएस प्रवेश नियम संशोधित किये।
संशोधन के अनुसार एक साल इंटर्नशिप को मिलाकर बीडीएस कोर्स क्लिअर करने के लिए 9 वर्ष की समयसीमा तय की गई। याचिका में तर्क दिया गया कि उक्त संशोधन के अनुसार याचिकाकर्ता 2020 की बीडीएस परीक्षा दे सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से इस तर्क का विरोध करते हुए कहा गया कि 2011-12 के नियम 2020 की परीक्षा पर लागू नही होते। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने तीन साल में प्रथम वर्ष की परीक्षा भी सभी विषयों में पास नही की। इसलिए वह 2020 की परीक्षा में शामिल होने की पात्रता नही रखता। सुनवाई के बाद कोर्ट ने तर्क से सहमति जताते हुए याचिका निरस्त कर दी।