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प्रदेश के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को High Court ने दी बड़ी राहत

locationजबलपुरPublished: Oct 09, 2021 12:06:27 pm

Submitted by:

Ajay Chaturvedi

-निजी स्कूल संचालकों की दे सख्त हिदायत

सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील, याचिका खारिज

सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील, याचिका खारिज

जबलपुर. मध्य प्रदेश High Court ने सूबे के नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान की है। कोर्ट ने निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए सख्त निर्देश जारी किए हैं। बता दें कि करीब डेढ़ साल से कोरोना और लॉकडाउन के चलते स्कूल बंद ही रह। साथ ही बंदी के चलते लोगों की माली हालत भी बिगड़ गई। काम धंधा बंद हो गया। लेकिन निजी स्कूल संचालक अपनी मनमानी पर अड़े रहे, जबकि प्रदेश सरकार की ओर से फीस के संबंध में दिशा निर्देश भी जारी किया गया, लेकिन निजी स्कूलों की मनमानी पर तनिक भी अंकुश नहीं लग पाया।
ऐसे में दसवीं कक्षा के छात्रों के अभिभावकों ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई। दसवीं पास दो छात्रों के ऐसे अभिभावक जिनके बच्चे दसवीं पास करने के बाद अगली कक्षा में दाखिला नहीं ले सके। इसकी वजह भारी भरकम स्कूल फीस रही। वो किसी दूसरे स्कूल में प्रवेश इसलिए भी नहीं ले सके क्योंकि उन्होंने जहां से दसवीं पास की थी वो स्कूल प्रशासन स्थानांतण प्रमाण पत्र (टीसी) के एवज में अतिरिक्त शुल्क की मांग कर रहे थे। ऐसे में उनका कहीं अन्य स्कूल में दाखिला नहीं हो सका। ऐसे में हाईकोर्ट ने इन अभिभावकों की याचिका पर सुनवाई के बाद ये बड़ा आदेेश दिया है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि महज 70 फ़ीसदी स्कूल फीस जमा करने के बाद उन्हें टीसी यानि टीसी दी जाएगी। कोर्ट ने कहा है कि 70 फ़ीसदी स्कूल फीस लेने के सात दिन के अंदर छात्रों के स्थानांतरण प्रमाण पत्र जारी करें ताकि विद्यार्थी आगे की पढ़ाई के लिए अन्य स्कूल या कॉलेज में दाखिला ले सकें।
बता दें इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय का भी आदेश है कि जो भी अभिभावक फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं उनके आवेदनों पर निजी स्कूल सहानुभूति पूर्वक विचार करें और अगर अभिभावक एक साथ पूरी फीस जमा करने में असमर्थ हों तो किश्तों में ही फीस ली जाए।
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