जबलपुरPublished: Jun 18, 2019 09:19:40 pm
prashant gadgil
हत्या के आरोप में पिता है जेल में बंद, अनूपपुर का मामला
mp high court
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने अनूपपुर में बीते साल हुए सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड में मृत जेठानी-देवरानी के बच्चों को उनके दादा-दादी के सुपुर्द करने का निर्देश दिया। एक बच्ची इस हत्याकांड में चश्मदीद गवाह है। उसे पूर्व में ही उसके पिता के सुपुर्द किया जा चुका है। शेष दोनों बच्चों के नाना-नानी ने उन्हें जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच के समक्ष मंगलवार को पेश किया। जिन्हें कोर्ट ने दादा-दादी को सौंपकर याचिका का निराकरण कर दिया।
बच्चों की माताओं की हुई हत्या
अनूपपुर जिले के भालूमाडा थानांतर्गत निवासी भ्रमरकांत झा, उनकी पत्नी सचि झा ने यह बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि पांच अगस्त 2018 को उनकी बड़ी बहू अर्चना और छोटी बहू पूजा की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। उसके छोटे पुत्र निर्मल झा (31) को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार निर्मल, उसकी पत्नी और भाभी में अक्सर विवाद होता था। चार अगस्त को हुए विवाद और मारपीट के बाद पांच अगस्त की शाम लगभग पांच बजे निर्मल झा ने पत्नी मधु और भाभी अर्चना की दो-दो गोली मारकर हत्या कर दी। 10 अगस्त को मृतका अर्चना के पिता छह वर्षीय बच्ची शांभवी को उसके नाना मुन्ना झा व मृतका पूजा के बच्चों 3 वर्षीय सुधा व 3 वर्षीय अंशुमन को उनके नाना इंद्रकुमार झा याचिकाकर्ता की गैरमौजूदगी में अपने साथ बिहार ले गए। अब वे उन्हें वापस भेजने से इनकार कर रहे हैं।
पिता ने भी लगाई थी याचिका
इसके पूर्व आरोपित निर्मल के बड़े भाई शीतल झा ने भी अपनी पुत्री शांभवी को पाने के लिए बंदी प्रत्यक्षीक रण याचिका दायर की थी। तत्कालीन अतिरिक्त महाधिवक्ता शशांक शेखर की सलाह पर कोर्ट ने बच्ची को दमोह स्थित बाल भवन भेजा था। अंत में कोर्ट ने बालिका को पिता के सुपुर्द कर दिया था।
नाना-नानी ने किया पेश
मंगलवार को बच्चों के नाना बिहार के सहरसा जिला निवासी इंद्र कुमार झा व उनकी पत्नी सुनीला झा ने बच्चों सुधा व अंशुमन को कोर्ट में पेश किया। उन्होंने बच्चों को कोर्ट के समक्ष उनके दादा-दादी को सौंपने की इच्छा जताई। इस पर कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी।