scriptबिना आधार के लगा दिए फर्जी आरोप, हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाई एक लाख रुपए कॉस्ट | High court imposed one lakh rupees cost on the petitioner | Patrika News

बिना आधार के लगा दिए फर्जी आरोप, हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाई एक लाख रुपए कॉस्ट

locationजबलपुरPublished: Jul 03, 2020 07:06:07 pm

Submitted by:

prashant gadgil

चिरायु हॉस्पिटल के खिलाफ जनहित याचिका निरस्त

case filing

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जबलपुर . मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने भोपाल के चिरायु अस्पताल को कोविड-19 सेंटर बनाने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी। चीफ जस्टिस एके मित्तल व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिविजन बेंच ने कहां कि याचिका फर्जी और आधारहीन है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए याचिकाकर्ता पर एक लाख रुपए की कॉस्ट लगा दी।
यह है मामला
भोपाल के भुवनेश्वर कुमार ने याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि कोविड 19 के मरीजों के उपचार का सेंटर चिरायु मेडिकल कॉलेज भैंसा खेड़ी भोपाल तथा बंसल अस्पताल शाहपुरा भोपाल को बनाया गया है। इनमे सरकार एक मरीज के इलाज के लिए प्रतिदिन 5400 रुपए का भुगतान कर रही है। जबकि भोपाल में ही लगभग 100 बिस्तरों वाला हमीदिया अस्पताल है। जहां प्रशिक्षित कई डॉक्टर मौजूद हैं। लेकिन वहां पर कोरोना के मरीजों का उपचार नहीं किया जा रहा है। इसी प्रकार भोपाल में ही करीब 50 से अधिक बिस्तर वाला व्यवस्थित अस्पताल एम्स है । लेकिन यहां भी कोरोना बीमारी का इलाज पूरी तरह से नहीं हो पा रहा है। याचिका में कहा गया कि चिरायु अस्पताल के मालिक अजय गोयनका व्यापमं कांड के आरोपित भी हैं। उन्हें लाभ पहुंचाने की नीयत से ऐसा किया जा रहा है। आग्रह किया गया कि चिरायु अस्पताल एवं बंसल अस्पताल को प्रदेश सरकार की ओर से महामारी के दौरान अब तक किए गये भुगतान की जांच किसी एजेंसी से कराई जाए। इसके साथ ही कोरोना के मरीजों का उपचार शासकीय अस्पतालों में कराया जाए। गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने जवाब पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार के निर्देश के अनुसार ही निजी अस्पतालों को कोविड 19 के इलाज के लिए अधिकृत किया गया है। इन अस्पतालों को केंद्र सरकार के निर्देश के तहत बिस्तरों के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार जिन दरों पर इन अस्पतालों को भुगतान कर रही है, वे दिल्ली, मुंबई व अन्य कई प्रदेशों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में जनरल बेड के लिए 1800 रुपए, ऑक्सीजन की व्यवस्था सहित बेड के लिए 2800 रुपए, आईसीयू सुविधा युक्त बेड के लिए 3600 रु व वेंटिलेटर की सुविधा युक्त बेड के लिए 4000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका को आधारहीन करार देते हुए खारिज कर दिया।

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