यह है मामला
व्यापमं घोटाले में यह मामला पीएमटी में 2012 में अवैध तरीके से कुछ उम्मीदवारों को दाखिला देने से जुड़ा है। उस दौरान अंबरीश शर्मा पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में डायरेक्टर (एडमिशन) थे। पीएमटी परीक्षा में इंजन-बोगी सिस्टम से नकल कराने के आरोपी सामने आए थे। पांच उम्मीदवार इंजन थे और 4 बोगी। एक मध्यस्थ ने इनमें से कुछ को अंबरीश शर्मा से मिलवाया था।
पैसे लेकर छोड़ी सीटी
बताया गया है कि मध्यस्थता और अंबरीश शर्मा से मुलाकात के बाद प्रकरण में नया मोड़ आया था। उम्मीदवारों ने नकद पैसे लेकर अपनी सीटें छोड़ दी थीं। यह सीटें स्टेट कोटे की थीं। इंजन उम्मीदवार पहले से ही उप्र के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे थे। उधर, कॉलेज प्रबंधन ने डीएमइ को भी गुमराह किया और खाली सीटों की सही जानकारी नहीं दी। सीबीआइ की जांच में एक उम्मीदवार ऐसा भी सामने आया,, जिससे दाखिले के लिए 15 लाख रुपए मांगे गए थे। सोनू पचौरी नामक मध्यस्थ ने उसे अंबरीश शर्मा और पीपुल्स कॉलेज के चेयरमैन से मिलवाया था। अधिवक्ता शशांक शेखर ने शर्मा की ओर से तर्क दिया कि वह ३१ जुलाई से जेल में बंद है। समाज का प्रतिष्ठित नागरिक होने के कारण उसके भागने की आशंका नहीं है। हालांकि कोर्ट ने शर्मा के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। उन्हें अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करने को कहा गया है।