यह है मामला
सिवनी-बालाघाट संसदीय क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी रहे कंकर मुंजारे ने याचिका में कहा कि निर्वाचन अधिकारी ने एक प्रत्याशी किशोर समरीते का गलत तरीके से पेश नामांकन स्वीकार किया। जबकि उसने अपने अपराधिक रेकार्ड व सजा के संबंध में गलत शपथपत्र प्रस्तुत किया। विजयी भाजपा प्रत्याशी डॉ ढालसिंह बिसेन ने भी नामांकन पत्र के साथ संलग्न शपथपत्र में अपनी संपत्ति का पूरा ब्योरा नहीं दिया। कहा गया कि मतदान व मतगणना के दौरान ईवीएम की कार्यप्रणाली भी आपत्तिजनक व संदेहास्पद रही। मतदान के बाद 40 दिन तक स्ट्रॉंग रूम में रखने के बावजूद मतगणना के समय अधिकांश ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज पाई गई। इन सभी अनियमितताओं को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन बताते हुए याचिका में डॉ बिसेन का निर्वाचन शून्य घोषित करने का आग्रह किया गया। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने सांसद डॉ बिसेन सहित अन्य अनावेदकों से जवाब-तलब किया।