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हत्या करवाने के आरोपी दुर्ग के व्यापारी को जमानत नहीं

locationजबलपुरPublished: Jul 10, 2020 08:27:08 pm

Submitted by:

prashant gadgil

हाईकोर्ट ने तीसरी बार भी अर्जी की निरस्त
 

hearing by video conference at rajasthan high court

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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने पचमढ़ी में ऑल इंडिया बाइकर्स कॉंन्फें्र स के दौरान अपने निजी सुरक्षा गार्ड से गोली मरवाकर एक बाइकर की हत्या करवाने के आरोपी दुर्ग के व्यापारी को तीसरी बार भी जमानत देने से इनकार कर दिया। वारदात सितंबर में हुई थी। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की सिंगल बेंच ने कहा कि इसके पहले 12 दिसम्बर 2019 व 17 मार्च 2020 को कोर्ट आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है। तब से अब तक परिस्थितियों में कोई परिवर्तन नही हुआ है। इस मत के साथ कोर्ट ने मामले को गम्भीर करार देते हुए आरोपी की अर्जी खारिज कर दी।
यह है मामला

अभियोजन के अनुसार होशंगाबाद जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में आयोजन हुआ। इसमें भाग लेने लाखों रुपयों की बाइक्स लेकर देश भर से बाइकर्स पहुंचे थे। इसमें शामिल होने के लिए दुर्ग का व्यापारी हरसिमरन उर्फ हनी ओबेराय अपने निजी सुरक्षा गार्ड धरमपाल सिंह को लेकर पहुंचा। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कपिल मक्कड़, नवशरन सिंह सहित अन्य बाइकर्स भी पहुंचे। सभी को चंपक बंगला गार्डन होटल में ठहराया गया। 28 सितंबर 2019 की रात को होटल में सभी आगंतुकों की पार्टी चल रही थी। इसमें केवल कॉंन्फ्रेंस के सदस्यों को ही आने की अनुमति थी। इसके बावजूद हरसिमरन ओबेराय पार्टी में अपने निजी गार्ड धरमपाल को लेकर पहुंच गया। वह बार-बार पार्टी में आ-जा रहा था व लोगों से दुव्र्यवहार कर रहा था। इसे देखते हुए कपिल मक्कड़ ने उसे रोका। लेकिन हरसिमरन उसे अंदर ले जाने पर अड़ गया। इस पर दोनों में विवाद होते ही धरमपाल सिंह ने कपिल पर हमला कर दिया। नवशरन सिंह ने उसे बचाने की कोशिश की तो हरसिमरन ने अपने गार्ड को आदेश दिया कि कपिल को गोली मार दे। आदेश पाकर धरमपाल सिंह ने कपिल पर फायर कर दिया। गोली लगने से कपिल की मौके पर ही मौत हो गई। नवशरन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर 29 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया। इसी मामले में जमानत पाने के लिए आरोपी हरसिमरन की ओर से यह अर्जी पेश की गई। वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह व अधिवक्ता जय शुक्ला ने तर्क दिया कि आरोपी बेगुनाह है। शासकीय अधिवक्ता पुनीत श्रोती ने तर्क दिया कि आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने अर्जी निरस्त कर दी।
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