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हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, मोनिका बेदी के खिलाफ राज्य सरकार की पुनरीक्षण अर्जी बारह साल बाद खारिज

locationजबलपुरPublished: Nov 18, 2019 09:07:23 pm

Submitted by:

abhishek dixit

हाईकोर्ट ने सुनाया सुरक्षित फैसला

Mp High Court Jabalpur

Mp High Court Jabalpur

जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने अंडरवल्र्ड डॉन अबु सलेम की महिला मित्र रही अभिनेत्री मोनिका बेदी उर्फ फौजिया उस्मान के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट मामले में बारह साल पहले राज्य सरकार की ओर से दायर पुनरीक्षण अर्जी सोमवार को निरस्त कर दी। जस्टिस वीपीएस चौहान की सिंगल बेंच ने अपना सुरक्षित सुनाते हुए अपील निरस्त की। यह अर्जी सरकार ने भोपाल की निचली अदालत से मोनिका को बरी किए जाने के खिलाफ दायर की थी।

2006 में मोनिका हुई थी बरी
प्रकरण के अनुसार फर्जी पासपोर्ट कांड को लेकर भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका बेदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। मोनिका पर आरोप था कि उसने खुद को अबु सलेम की पत्नी बताते हुए फौजिया उस्मान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया। 2006 में भोपाल की निचली अदालत ने मोनिका बेदी को बरी कर दिया। सेशन कोर्ट से भी सरकार की अपील 16 जुलाई 2007 को खारिज हो गई। इसके खिलाफ राज्य सरकार ने 2007 में यह पुनरीक्षण आवेदन दायर किया। 2008 में ही हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर एक अन्य पुनरीक्षण अर्जी इसी सम्बंध में दायर की।

सुको के निर्देश पर जल्दी हुई सुनवाई
मोनिका बेदी की ओर से नया पासपोर्ट जारी करने की मांग पर 2019 के शुरू में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाईकोर्ट को जल्द विचारण के निर्देश दिए। अंतिम सुनवाई के दौरान मोनिका के वकीलों ने जब्ती को लेकर सवाल उठाए तो सरकार की ओर से कार्रवाई को उचित बताया गया। 31 अक्टूबर को कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया था। बेदी की ओर से अधिवक्ता अर्जुन सिंह, दिलजीत सिंह अहलूवालिया, ईशान सोनी व सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता शशांक उपाध्याय उपस्थित हुए।

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