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कोरोना महामारी के समय सरकार ही जज, वही तय करेगी कि किस डॉक्टर को कहां तैनात करना है

locationजबलपुरPublished: May 29, 2020 09:25:29 pm

Submitted by:

prashant gadgil

हाईकोर्ट ने ट्रांसफर को चुनौती देने वाले प्रभारी सिविल सर्जन को लगाई फटकार

High Court

हाईकोर्ट

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तबादले को चुनौती देने वाले डॉक्टर को फटकार लगाते हुए कहा कि कोरोना आपदा के समय सरकार ही जज है। वही तय करेगी कि किस डॉक्टर को कहां रखना है। प्रभारी सिविल सर्जन जैसे जिम्मेदार पद पर रहते हुए ट्रांसफर के खिलाफ याचिका दायर करना अनुचित है। याचिकाकर्ता को यह स्वतंत्रता दी गई कि वह अभ्यावेदन दे और सरकार उसका निराकरण करे। प्रकरण के अनुसार डॉ.एसबी खरे सीधी में प्रभारी सिविल सर्जन बतौर पदस्थ थे। उनका ट्रांसफर रीवा कर दिया गया। जिसके खिलाफ वे हाईकोर्ट चले आए। उनका तर्क यह था कि वे प्रथम श्रेणी के अधिकारी हैं। इस मामले में सक्षम अधिकारी ने ट्रांसफर आदेश नहीं निकाला। ट्रांसफर आदेश निरस्त किया जाए। इस पर राज्य की ओर से साफ किया गया कि प्रशासनिक आवश्यकता के मद्देनजर सीधी से रीवा भेजा जा रहा है। कोरोना आपदा के समय यह आवश्यक था। साथ ही याचिकाकर्ता लंबे समय से सीधी में पदस्थ है। ऐसे में रीवा में उनकी अधिक आवश्यकता महसूस की गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता को नसीहत दी कि कोरोना आपदा के समय इस तरह ट्रांसफर के खिलाफ मुकदमेबाजी उचित नहीं है। ऐसे समय में डॉक्टर को पूरा ध्यान मानव सेवा पर लगाना चाहिए। इसके साथ कोर्ट ने याचिका निराकृत कर दी।

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