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एससीएसटी संविदा शिक्षक को रियायत देकर संविलियन पर करो फैसला : मप्र हाईकोर्ट

locationजबलपुरPublished: May 22, 2019 12:14:43 am

Submitted by:

abhishek dixit

रीवा डीइओ व जिला पंचायत सीइओ को हाईकोर्ट का निर्देश

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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने रीवा जिला शिक्षा अधिकारी (डीइओ) व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीइओ )को निर्देश दिए कि एससीएसटी वर्ग के संविदा शिक्षक को अनुशासनात्मक कार्रवाई में रियायत देकर उसके संविलियन पर फैसला किया जाए। जस्टिस अतुल श्रीधरन की सिंगल बेंच ने कहा कि तीन माह के अंदर इस सम्बंध में याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण किया जाए।

रीवा निवासी प्रदीप कुमार साकेत ने याचिका में कहा कि वह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरांव गौतमान सिरमौर में संविदा शिक्षक ग्रेड-3 के पद पर है। प्राचार्य की अनुशंसा पर डीइओ ने उसकी संविलियन अवधि तीन वर्ष से बढ़ाकर चार वर्ष कर दी। इसके खिलाफ उसने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। हाईकोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने आदेश को वापस लेकर उसकी संविलियन अवधि पूर्ववत तीन साल कर दी। इसके बाद भी जिला पंचायत सीइओ ने उसका संविलियन नहीं किया। अधिवक्ता बालकिशन चौधरी, नारायण चौधरी ने तर्क दिया कि 2008 में जारी राज्य सरकार के आदेश के मुताबिक एससीएसटी वर्ग के अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई में रियायत बरती जानी चाहिए। लेकिन डीईओ के आदेश वापस लिए जाने के बाद भी जिला पंचायत सीईओ याचिकाकर्ता का संविलियन सहायक अध्यापक के पद पर नहीं कर रहे हैं। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के संविलियन के अभ्यावेदन का तीन माह में निराकरण करने का निर्देश दिया।

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