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सगाई के बाद दुष्कर्म : युवती के सपनों-रिश्तों की मर्यादा को किया चूर-चूर

locationजबलपुरPublished: Jan 05, 2020 06:24:35 pm

Submitted by:

shyam bihari

हाईकोर्ट में आरोपी की जमानत याचिका खारिज
 

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जबलपुर। समाज में रिश्तों के मायने लगता है तेजी से बदल रहे हैं। एक जमाना था कि शादी तय होने और शादी हो जाने के बीच लम्बा समय गुजरता था। लड़का-लड़की एक दूसरे के बारे में प्रेमभाव से समझ विकसित करते थे। लेकिन, अब तो हालात यह भी बनने लगे हैं कि शादी तय होने के बाद लड़का झांसेबाजी करके लड़की से शारीरिक सम्बंध बना लेता है। रिश्तों की पवित्रता को ताक पर रखा, इससे भी आगे उसने शादी करने से मना कर दिया। रिश्तों को तार-तार करने वाले को हाईकोर्ट ने संगीन अपराध का आरोपी माना है।
मप्र हाईकोर्ट ने जमानत के एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सगाई करने के बाद युवती से शारीरिक सम्बंध बनाकर रिश्ता तोडऩे का आरोप संगीन है। जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की सिंगल बेंच ने इस मत के साथ आरोपी युवक को जमानत देने से इनकार कर दिया। बेंच ने आरोपी की अर्जी ठुकरा दी। मामला रीवा जिले के मऊगंज थाना क्षेत्र स्थित मझियारी गांव से जुड़ा है। वहां रहने वाले विनय सिंह की सगाई रीवा निवासी 24 वर्षीय युवती से 25 जून 2018 को हुई। सगाई के बाद विनय ने युवती के घर आना-जाना शुरू कर दिया। सगाई हो गई थी, इसलिए विनय ने युवती को इमोशनल ब्लैकमेल किया। बात और आगे बढ़ी, तो उसने युवती के विरोध के बावजूद यह कहते हुए उससे कई बार शारीरिक सम्बंध बनाए कि दोनों की शादी होने वाली है। शारीरिक सम्बंध बनाने के बाद विनय का मन बदल गया। उसने विवाह करने से ही इनकार कर दिया। इस पर पीडि़त पक्ष की ओर से 14 अप्रैल 2019 को रीवा के महिला थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने विवेचना के बाद सात दिसम्बर 2019 को आरोपी को गिरफ्तार किया। इसी मामले में जमानत पाने के लिए आरोपी विनय की ओर से अर्जी पेश की गई। अधिवक्ता पीएस गहरवार ने आवेदक को निर्दोष बताते हुए जमानत पर रिहा करने का आग्रह किया। उप-शासकीय अधिवक्ता कुश सिंह ने अर्जी का विरोध किया। कोर्ट ने कहा यह सम्भव ही नहीं है कि आरोपी को जमानत दी जाए। क्योंकि, उसने बेहद संगीन अपराध किया है।

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