सतना बिल्डिंग निवासी अधिवक्ता सतीश वर्मा ने याचिका दायर की है। उन्होंने स्वयं पक्ष रखते हुए कहा कि नियमों के तहत गैर कानूनी ऑटो की जब्ती का स्पष्ट प्रावधान है। इसके बावजूद 22 सितंबर को राज्य शासन की ओर से झूठा पेश शपथपत्र झूठा था। महाधिवक्ता शशांक शेखर ने वह शपथपत्र वापस लेने का निवेदन किया। कोर्ट ने यह निवेदन मंजूर कर लिया। अधिवक्ता आदित्य संघी ने तर्क दिया कि केंद्र सरकार ने 2019 में संशोधित मोटर वीकल एक्ट पारित किया। इसके बावजूद इस एक्ट के प्रावधान प्रदेश में अब तक लागू नहीं किए गए। जबकि नए नियम में गैर कानूनी वाहन संचालन पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। कोर्ट ने इस पर सरकार को जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा।
दस दिन में स्मार्ट कार्ड रीडर करो संचालित
हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में कहा कि परिवहन विभाग 10 दिन के अंदर हर हाल में स्मार्ट कार्ड रीडर खरीद कर संचालित करना सुनिश्चित करे।
यह भी कहा
ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के लिए निर्धारित ऑटो अपने क्षेत्र में ही चलें।
ऑटो के लिए नियत पार्र्किंग स्थल पर ही ऑटो खड़े हों।
ड्राइवरों को नियमों का पालन करना सिखाया जाए।
बिना परमिट ऑटो पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
मोटर वीकल एक्ट के प्रावधानों का सख्ती से पालन कराया जाए।