यह है मामला
अभियोजन के अनुसार 19 अगस्त 2018 को कटंगी निवासी युवक व उसकी पत्नी धान का रोपा लगाने खेत गए थे। शाम को जब वे घर आए तो बेटी नहीं मिली। उन्होंने भतीजे आनंद से पूछा कि उसकी बेटी कहा है। उसने बताया कि पांच वर्षीय को चाकलेट खिलाने के बाद बाइक पर घुमाकर छोड़ दिया था। 20 अगस्त को पुलिस से शिकायत की गई। आनंद से कड़ाई से पूछताछ पर उसने बताया कि दुष्कर्म के बाद लाश सेप्टिक टैंक में फेंकी थी। जहां से लाश बरामद की गई ।
पहले पुलिस को दिया गच्चा
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी आनंद शव की जानकारी देने में आनाकानी करता रहा। काफी सख्ती पर उसने पुलिस को गुमराह करते हुए समीपस्थ नदी में लाश फेंकने की जानकारी दी। इस पर कई टीमें बनाकर गोताखोरों के साथ दो किलोमीटर तक नदी का चप्पा-चप्पा छाना गया। लेकिन लाश नहीं मिली। एसपी अमित सिंह को घर के पिछवाड़े स्थित सेप्टिक टेंक का ढक्कन अपनी जगह से थोड़ा हटा हुआ देखकर शक हुआ। अंतत: टैंक से ही बच्ची का शव बरामद हुआ।
चार दिन में चालान, एक सप्ताह में आरोप तय
घटना के चार दिन बाद 24 अगस्त को पुलिस ने अदालत में चालान पेश कर दिया था। 27 अगस्त को कोर्ट ने आरोपी पर भादंवि की धारा 302, 376 एबी, 376 (2) (एफ), 376 (च), 363, 201, 377, 366(क ) और पाक्सो एक्ट की धारा 3/4 एवं 5/6 के तहत आरोप तय किए। 17 दिसंबर 2018 को जिला अदालत ने आरोपी को अपराधी करार देकर मृत्युदंड की सजा सुनाई। फैसले की पुष्टि के लिए हाईकोर्ट भेजा गया। वहीं आरोपी ने भी इसके खिलाफ अपील की। दोनों की सुनवाई साथ की गई।