कॉलेजियम की बैठक की राह खुली
नए चीफ जस्टिस एके मित्तल ने तीन नवम्बर 2019 को कार्यभार सम्हाला। नियमों के तहत चीफ जस्टिस कम से कम एक माह इस रूप में कार्य करने के बाद ही कॉलेजियम की बैठक ले सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी राह अब खुल गई है। जनवरी 2020 में ही सीनियर वकीलों के नामांकन के लिए बैठक व जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की बैठक होने की सम्भावना जताई जा रही है।
जजों की नियुक्ति के लिए भेजे जाएंगे नाम
हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की बैठक चीफ जस्टिस की अगुवाई में होती है। बैठक के बाद चीफ जस्टिस चयनित किए गए न्यायिक अधिकारियों व वकीलों के नामों की अनुशंसा कर सुको कॉलेजियम के समक्ष भेजते हैं। 11 नवम्बर 2018 से नौ जून 2019 तक वरिष्ठता के आधार पर न्यायिक अधिकारियों के नामों की ही अनुशंसा की गई। अब वकीलों के लिए मौके ज्यादा बनेंगे। वकीलों का कहना है कि नए साल में उन पर फोकस किया जाएगा।