जबलपुर

High Court : नए साल में हो सकती है कॉलेजियम की बैठक, दूर होगी जजों की कमी

नए चीफ जस्टिस एके मित्तल ने तीन नवम्बर 2019 को कार्यभार सम्हाला। नियमों के तहत चीफ जस्टिस कम से कम एक माह इस रूप में कार्य करने के बाद ही कॉलेजियम की बैठक ले सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी राह अब खुल गई है।

जबलपुरJan 03, 2020 / 06:17 pm

praveen chaturvedi

Mp High Court Jabalpur

जबलपुर। नए साल में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को जजों की कमी की समस्या से निजात मिलने के संकेत मिल रहे हैं। इसके लिए साल की शुरुआत में ही कॉलेजियम की बैठक होने की सम्भावना है। इससे लम्बित मामलों का बोझ कम किया जा सकेगा। विकासशील तकनीक के साथ मप्र हाईकोर्ट में डिजिटलाइजेशन का काम भी इसी साल पूरा होने की सम्भावना है। इसके बाद मप्र हाईकोर्ट देश का पहला पेपरलेस हाईकोर्ट बन जाएगा।

कॉलेजियम की बैठक की राह खुली
नए चीफ जस्टिस एके मित्तल ने तीन नवम्बर 2019 को कार्यभार सम्हाला। नियमों के तहत चीफ जस्टिस कम से कम एक माह इस रूप में कार्य करने के बाद ही कॉलेजियम की बैठक ले सकते हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी राह अब खुल गई है। जनवरी 2020 में ही सीनियर वकीलों के नामांकन के लिए बैठक व जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की बैठक होने की सम्भावना जताई जा रही है।

जजों की नियुक्ति के लिए भेजे जाएंगे नाम
हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम की बैठक चीफ जस्टिस की अगुवाई में होती है। बैठक के बाद चीफ जस्टिस चयनित किए गए न्यायिक अधिकारियों व वकीलों के नामों की अनुशंसा कर सुको कॉलेजियम के समक्ष भेजते हैं। 11 नवम्बर 2018 से नौ जून 2019 तक वरिष्ठता के आधार पर न्यायिक अधिकारियों के नामों की ही अनुशंसा की गई। अब वकीलों के लिए मौके ज्यादा बनेंगे। वकीलों का कहना है कि नए साल में उन पर फोकस किया जाएगा।

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