script17 साल पहले दिए पट्टे की जमीन से हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक | High Court stayed the removal of the leased land | Patrika News

17 साल पहले दिए पट्टे की जमीन से हटाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

locationजबलपुरPublished: Oct 18, 2019 09:20:27 pm

Submitted by:

abhishek dixit

राज्य सरकार सागर कमिश्नर व पन्ना कलेक्टर को हाईकोर्ट का नोटिस

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जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए आदिवासी को 17 साल पुराने पट्टे की भूमि से हटाने पर रोक लगा दी। जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार, राजस्व सचिव, सागर कमिश्नर व पन्ना कलेक्टर सहित अन्य को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा।

पन्ना जिले की रैपुरा तहसील के कजगवां निवासी आदिवासी चरण ने याचिका में कहा कि 2002 में तत्कालीन राज्य सरकार ने भूमिहीन आदिवासियों को खाली शासकीय भूमि के पट्ट दिए थे। याचिकाकर्ता को भी योजना के तहत पट्टा दिया गया। लेकिन, बाबूलाल लोधी नामक व्यक्तिने 2019 में पट्टा निरस्त करने की मांग करते हुए तहसीलदार के समक्ष आवेदन दायर किया। बाबूलाल का कहना था कि चरण को जिस भूमि का पट्ट दिया गया, वह सरकारी है। बाबूलाल के परिवार का उस भूमि पर 40 से 50 वर्ष पुरान कब्जा है। तहसीलदार ने आवेदन खारिज कर दिया। अधिवक्ता अनूप सिंह बघेल ने तर्क दिया कि बाबूलाल लोधी ने तहसीलदार के आदेश को सम्भागायुक्तके समक्ष अपील के जरिए चुनौती दी। लेकिन, सम्भागायुक्तने अवैध तरीके से तहसीलदार का पूर्व आदेश निरस्त कर दिया। पट्टे की भूमि को पुन: शासकीय जमीन घोषित करते हुए बेदखल करने का आदेश दे दिया। जबकि, उन्हें इसका अधिकार ही नहीं था।

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