यहां यह भी बता दें कि पहली सितंबर को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस पहले ही राज्य सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के स्थगन आदेश हटाने या अंतरिम आदेश देने की मांग को खारिज कर चुके हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक कह चुके हैं कि ढाई साल से चल रहे इस मामले में अब अंतिम फैसला ही होगा।
इस संबंध में हाईकोर्ट ने अंतिम बहस के लिए मुख्य याचिकाकर्ता को बहस के लिए 45 मिनट और अन्य पक्ष को 15-15 मिनट का समय निर्धारित किया था। इससे पहले पहली सितंबर को राज्य सरकार की ओर से सभी स्टे ऑर्डर हटाने को लेकर लगाए गए अंतरिम आवेदन को हाईकोर्ट खारिज कर चुका है। इस प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव पक्ष रख रहे हैं। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में मामले की सुनवाई जारी है।