जबलपुर

कोरोना पॉजिटिव के नाम उजागर न करने के मामले पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, जानें पूरा मामला

हाइकोर्ट ने 25 हजार रुपए कॉस्ट लगाने की दी चेतावनी, वापस ले ली गई याचिका

जबलपुरMay 28, 2020 / 08:30 pm

abhishek dixit

Human testing of corona virus vaccine in India will take 6 months

जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने कोरोना पॉजिटव पाए जाने वाले मरीजों के नाम उजागर न करने की नीति को उचित माना। जस्टिस संजय यादव व जस्टिस विशाल धगट की डिवीजन बेंच ने संक्रमित का नाम छिपाए जाने के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर 25 हजार रुपए के जुर्माने (कॉस्ट) की चेतावनी दी। इसे देखते हुए याचिकाकर्ता की ओर से याचिका वापस लेने का निवेदन किया गया, जिसे मंजूर कर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे व रजत भार्गव ने जनहित याचिका के जरिए कोरोना मरीजों के नाम छिपाए जाने के मध्यप्रदेश सरकार के 19 मई के आदेश को अवैध बताया। अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने तर्क दिया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के नाम उजागर न करने से संक्रमण की कड़ी जन सामान्य के समक्ष स्पष्ट नहीं होगी। इससे संक्रमण और अधिक फैलने का खतरा है।

कोर्ट ने तर्क को अमान्य करते हुए स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की कोराना गाइडलाइन के परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश सरकार ने अपने विवेक से नाम उजागर न करने का कदम उठाया है। लिहाजा, निर्णय का विरोध जनहित याचिका के दायरे में नहीं आता। कोरोना संदिग्धों के नाम उजागर होने से बाद में निगेटिव आए लोग और पॉजिटिव आए लोग सभी सार्वजनिक रूप से अनुचित स्थिति में फंस जाते हैं। ऐसे में सरकार का निर्णय व आदेश सही है। वापस लेने के आग्रह पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

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