जबलपुर

साढ़े तीन साल की अबोध बेटी से दुष्कर्म का विचार ही घिनौना

रायसेन का मामला : हाईकोर्ट ने कश्मीरी युवक की जमानत याचिका की खारिज

जबलपुरJun 02, 2018 / 01:14 am

Mukesh Vishwakarma

mp highcourt

जबलपुर. रायसेन (मप्र) निवासी तलाकशुदा पत्नी की साढ़े तीन साल की बच्ची को घुमाने के बहाने ले जाकर दरिंदगी करने वाले कश्मीरी पिता की जमानत याचिका खारिज करते हुए मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की। जस्टिस सीवी सिरपुरकर की बेंच ने कहा, खुद की ही अबोध बच्ची से दुष्कर्म का विचार और आरोप अपने आप में अत्यंत घृणित है।

यह है मामला : रायसेन जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी युवती सालेहा का विवाह 28 जून-2013 को दिलना,जिला बारामूला, जम्मू-कश्मीर निवाली सैयद जहांगीर रिज़वी से हुआ। सात माह के बाद दोनों में अनबन हो गई और सालेहा मायके रायसेन आ गई। सालेहा ने जहांगीर की बच्ची को जन्म दिया, लेकिन 10 जून-2016 को जहांगीर ने उसे तीन बार बोलकर तलाक दे दिया। इसके बाद सालेहा ने तलाक और भरण-पोषण के लिए रायसेन जिला कुटुंब न्यायालय में अर्जी लगाई।

कपड़े दिलाकर घुमाने ले गया : अप्रैल-2018 में इसी मामले की सुनवाई के लिए सालेहा बच्ची और मां के साथ जिला अदालत रायसेन पहुंची थी। आरोपित जहांगीर भी सुनवाई के लिए पहुंचा था। इस बीच सालेहा की माँ नातिन को लेकर दुकान पर गई। जहांगीर मौका देखकर वहाँ पहुंच गया। उसने बच्ची के लिए कपड़े खरीद कर दिए। फिर सम्बन्धों का हवाला देते हुए एक घंटे के लिए बच्ची को अपने साथ घुमाने के लिए कहकर ले गया। एक घंटे बाद वह बच्ची को उसकी नानी को वापस दे गया। उसके जाने के बाद बच्ची ने दर्द की शिकायत की। पूछताछ में जहांगीर की करतूत का पता चला। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ भादवि की धारा-354 के तहत प्रकरण दर्ज कर उसे 11 अप्रैल-2018 को गिरफ्तार किया। जिला अदालत रायसेन ने 4 मई-2018 को जहांगीर की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। इसके बाद उसकी ओर से हाइकोर्ट में यह अर्जी दायर की गई थी।

चित्र बनाकर बताई थी आपबीती : सुनवाई के दौरान आरोपित की ओर से कहा गया कि लम्बित वैवाहिक प्रकरण में दबाव बनाने के लिए झूठी शिकायत की गई। वहीं सरकार की ओर से बताया गया कि रिपोर्ट के बाद बच्ची ने चाइल्ड लाइन की काउंसिलिंग के दौरान पिता की हर हरकत बताई थी। इतना ही नही उसने सारी वारदात का आड़े तिरछे चित्रों के जरिये भी बयान किया था। कोर्ट ने कहा, इन चित्रों और बच्ची के बयान के आधार पर घटना का ग्राफिकल प्रदर्शन तैयार किया था। आरोपित का पक्ष अधिवक्ता प्रकाश उपाध्याय के साथ आरडी चतुर्वेदी ने रखा। राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता बीपी पांडे उपस्थित हुए।

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