यह है मामला
30 जनवरी 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा था कि पूरे देश के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से धर्मस्थल बने हैं। इन्हें हटाया जाए। इस तरह के नये निर्माणों को सख्ती से रोकने को कहा गया था। कोर्ट ने कहा था कि सभी राज्यों के हाईकोर्ट इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं। इसीलिए यह याचिका दायर की गई है। सतीश वर्मा द्वारा इसी विषय पर दायर याचिका के साथ अब इसकी सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
धर्मस्थल की आड़ में बना रहे पैसे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सार्वजनिक जगहों और फुटपाथ पर अवैध तरीके से जो धार्मिक ढांचे बनाए गए हैं, वह आस्था का मामला नहीं है। लोग इसकी आड़ में पैसा बना रहे हैं। अदालत ने कहा, ‘अगर लोगों को भगवान में आस्था होती, तो वे कतई ऐसा नहीं करते। दरअसल ऐसे लोग तो भगवान का भी अपमान कर रहे हैं। फुटपाथ पर चलना लोगों का अधिकार है और भगवान उसमें कतई बाधा नहीं डालना चाहेंगे।
कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए नहीं आदेश
शीर्षकोर्ट ने तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की इस बात पर खिंचाई की थी कि सार्वजनिक जगहों पर अवैध धार्मिक ढांचे हटाने के मामले में जानकारी मांगे जाने के बावजूद सूचना मुहैया नहीं कराई गई। अदालत ने कहा था कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस मामले में आदेश का पालन नहीं किया है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की थी कि क्या हमारे आदेश कोल्ड स्टोरेज में रखने के लिए हैं?