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मदन महल पहाड़ी से अतिक्रमण हटाने कोर्ट हुआ सख्त, दिए ये निर्देश

locationजबलपुरPublished: Sep 20, 2018 05:57:35 pm

Submitted by:

amaresh singh

नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए

MP Highcourt

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जबलपुर। महनमहल पहाड़ी के अतिक्रमणों को लेकर मप्र हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रशासन ने बताया कि पहाड़ी के अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है, लेकिन कुछ नेता और असामाजिक तत्व कार्रवाई में बाधक बन रहे हैं। इस पर जस्टिस आरएस झा व जस्टिस संजय द्विवेदी की डिवीजन बेंच ने उन लोगों के नाम मांग लिए। कोर्ट ने कहा कि ऐसे नेताओं के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई भी की जाए, जिससे वे भविष्य में चुनाव न लड़ सकें। अगली सुनवाई 10 अक्टूबर नियत की गई।


यह है मामला

गढ़ा गोंडवाना संरक्षण समिति के किशोरीलाल भलावी, नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया है कि मदनमहल की पहाड़ी पर सरकारी जमीन में अतिक्रमण के चलते
किले का अस्तित्व संकट में है। इन्हें हटाया जाए।


यह हैं वर्तमान हालात

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद संभागायुक्त के नेतृत्व में गठित टीम ने मदनमहल की पहाड़ी में कुल 2081 अतिक्रमण चिंहित किए। इन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। अब तक यहां के 290 अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। मदनमहल पहाड़ी के अतिक्रमणों को हटाने के लिए प्रशासन ने हाईकोर्ट से 10 महीने का समय मांगा है। इसके लिए कोर्ट में पूरा प्लान दिया गया है कि हर महीने में कहां के और कितने अतिक्रमण को हटाया जाएगा। पहाड़ी के फिलहाल 290 अतिक्रमण हट चुके हैं, जबकि करीब 1800 अब भी बाकी हैं।


11 चरणों में चलेगा अभियान

बुधवार को सरकार ने बताया कि संभागायुक्त जबलपुर की अध्यक्षता में संयुक्त अभियान चलाकर बेजा कब्जे हटाए जा रहे हैं। मदनमहल किला व बैलेंसिंग रॉक को संरक्षित करने के लिए 11 चरणों में यह अभियान चलाया जाएगा। दस माह में अतिक्रमण पूरी तरह हटा दिए जाएंगे। इसका प्लान व नक्शा कोर्ट में पेश किया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता मनोज शर्मा, बालकिशन चौधरी, अनुराग साहू व नारायण चौधरी ने पैरवी की।
ये रहे उपस्थित- सुनवाई के दौरान कलेक्टर जबलपुर छवि भारद्वाज, नगर निगम आयुक्त चंद्रमौलि शुक्ला, वन अधिकारी, नगर एवं ग्राम निवेश संयुक्त संचालक सहित अन्य विभागों के सम्बंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुए।


करो पुनर्वास की व्यवस्था

कोर्ट ने यह भी निर्देश दिए कि मदनमहल की पहाड़ी से जिन लोगों को हटाया जा रहा है, उनके पुनर्वास की समुचित व्यवस्था की जाए। सरकार ने बताया कि अब तक जिनके 290 मकानों को तोड़ा गया है, उन्हें आवास आवंटित कर दिए गए हैं।


दोषी अफसरों के भी नाम मांगे
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि मदनमहल किला व उसकी 306 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित करने के आदेश जब 1996 में ही दे दिए गए थे, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। उन्होंने ऐसे अफसरों की सूची भी मांगी जो पिछले 22 साल से इन बेजा कब्जों केलिए जिम्मेदार हैं, इसमें भारतीय पुरात्व विभाग, पर्यटन विभाग सहित वे सभी अधिकारी शामिल हैं जो यहां के अतिक्रमणों को हटाने में हीलाहवाली कर रहे थे।

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