यह थी याचिका
शराब ठेकेदारों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि सरकार कोरोना संक्रमण काल के दौरान शराब दुकानों को खोलने की अनुमति तो दे रही है, लेकिन नियम इतने ज्यादा और कठोर बना दिए हैं कि शराब ठेकेदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। शराब ठेकेदार सरकार को निश्चित राजस्व देने की हालत में भी नहीं है, वही हाल ही में राज्य सरकार ने नीतिगत संशोधन करते हुए शराब ठेकेदारों पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी व अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने तर्क दिया कि 23 मई को राज्य सरकार ने शराब नीति में संशोधन कर शराब ठेकेदारों की ठेका अवधि को बढ़ा दिया था, लेकिन बिड की रकम कम नहीं की। इसके साथ ही शराब दुकान बंद करने पर शराब ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण और वसूली का प्रावधान भी बना दिया था। इसे ठेकेदारों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार और शराब ठेकेदार आपसी समन्वय बनाने की कोशिश करें।
शराब ठेकेदारों की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि सरकार कोरोना संक्रमण काल के दौरान शराब दुकानों को खोलने की अनुमति तो दे रही है, लेकिन नियम इतने ज्यादा और कठोर बना दिए हैं कि शराब ठेकेदारों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। शराब ठेकेदार सरकार को निश्चित राजस्व देने की हालत में भी नहीं है, वही हाल ही में राज्य सरकार ने नीतिगत संशोधन करते हुए शराब ठेकेदारों पर दबाव बनाने की कोशिश की है।
वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, पूर्व सॉलिसिटर जनरल मुकुल रोहतगी व अधिवक्ता राहुल दिवाकर ने तर्क दिया कि 23 मई को राज्य सरकार ने शराब नीति में संशोधन कर शराब ठेकेदारों की ठेका अवधि को बढ़ा दिया था, लेकिन बिड की रकम कम नहीं की। इसके साथ ही शराब दुकान बंद करने पर शराब ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लाइसेंस निरस्तीकरण और वसूली का प्रावधान भी बना दिया था। इसे ठेकेदारों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार और शराब ठेकेदार आपसी समन्वय बनाने की कोशिश करें।