आर्थिक गणना में सामने आ रहे नए तथ्य, अब तक 24 फीसदी गणना
सर्वे में खुलासा-सर्विस सेक्टर दे रहा ज्यादा रोजगार
वहीं सरकारी संस्थानों में रोजगार के अवसर की बात भी सामने आ रही है। प्रत्येक दस वर्ष में होने वाली आर्थिक गणना में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में घर-घर जाकर परिवारों का पंजीयन किया जा रहा है। उनसे जुड़ी जानकारियां गणकों के द्वारा सीधे मोबाइल एप पर दर्ज की जा रही है। प्रत्येक परिवार के साथ ही सडक़ किनारे चाय-पान का ठेला लगाने वाले, सब्जी विक्रेता, ट्यूशन, कोचिंग, अचार, बड़ी, पापड़ बनाने वालों से लेकर छोटे एवं बड़े उद्योगों को चलाने वालों को भी इसमें शामिल किया गया है। उनकी आर्थिक गतिविधियों को इसमें शामिल किया गया है। सभी औद्योगिक एवं व्यवसायिक इकाइयों में भी सर्वे हो रहा है।
जानकारियां छुपा रहे लोग
जिले में आर्थिक गणना का काम धीमा है। इसकी एक बड़ी वजह लोगों के द्वारा जानकारी नहीं देना भी है। गणना करने वाले गणक जब घरों में पहुंचते तो हैं उन्हें कई प्रकार के सवालों का सामना करना पड़ रहा है। जिले में 2 हजार 476 गणक को इस काम के लिए तैनात किया गया है। इनके कार्यों का मूल्यांकन करने के लिए 277 सुपरवाइजर तैनात किए गए हैं। इस कार्य की मॉनिटरिंग कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) कर रहा है। गणकों को लोगों के द्वारा आसानी से जानकारी नहीं मिलती। हालांकि जिला प्रशासन ने इस काम के लिए सभी क्षेत्रों के एसडीएम और तहसीदारों को सहयोग के लिए कहा है लेकिन इसका प्रभावी असर नहीं दिखाई पड़ रहा है। यही स्थिति है कि आंकड़ा 25 फीसदी भी नहीं पहुंचा है। कई जगह इन दलों को विवाद का सामना करना पड़ रहा है। आर्थिक गणना के आधार पर ही सरकार भविष्य की आर्थिक कल्याणकारी योजनाएं बनाती है।
सवा दो लाख से ज्यादा परिवार
जिले में 25 लाख जनसंख्या को आधार मानकर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के द्वारा आर्थिक गणना की जा रही है। इसमें करीब 5 लाख 18 हजार परिवारों को शामिल किया गया है। शहरी क्षेत्र में 2 लाख 87 हजार से ज्यादा परिवारों में अब तक 72 हजार 470 परिवारों का सर्वे हो चुका है। दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र की बात की जाए तो लगभग 2 लाख 29 हजार से ज्यादा परिवारों में अभी 48 हजार 560 परिवारों की गणना हुई है। इस तरह कुल एक लाख 21 हजार से ज्यादा परिवारों का सर्वे जिले में हो चुका है। सर्वे दलों की ओर से मोबाइल एप पर सारी जानकारियां समाहित की जा रही हैं।
आर्थिक गणना का काम चल रहा है। इसमें आर्थिक गतिविधियों की जानकारी गणकों की ओर से मोबाइल एप में समाहित की जा रही है। माह के अंत तक इसे पूरा किया जाना है। सभी गणकों को अपने काम में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
– अतुल साहू, प्रदेश समन्वयक, आर्थिक गणना (सीएससी)