मुहर्रम की दसवीं की रात विराजे भगवान गजानन
फातमा जहरा कमेटी की तरफ से यहां कर्बला की झांकी रखी गयी थी। जिसे दसवीं की रात रानीताल ले जाया गया। समिति के लोगों ने तुरंत इस स्थान की साफ-सफाई की और रात में ही भगवान गणेश का पंडाल लगाने के साथ ही मूर्ति भी स्थापित कर दी गई। अब फातमा जहरा कमेटी अपना लंगर का आयोजन गणेश विसर्जन के बाद आयोजित करेगा।
इनका कहना-
-हम हिन्दू व मुस्लिम समाज के लोग मिलजुल कर एक-दूसरे के धार्मिक आयोजन में शामिल होते हैं। पिछले चार वर्षों से हम मुहर्रम, गणोत्सव व दुर्गोत्सव एक साथ मना रहे हैं।
नौशाद, अध्यक्ष हजरत जहरा कमेटी
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-हम दोनों समाज के लोग आपस में बैठकर कर तय करते हैं कि पहले कौन से धार्मिक आयोजन होंगे। इस स्थान के पीछे तब तक दूसरे समाज का आयोजन होता है।
राकेश सेन, अध्यक्ष, स्वर संगम उत्सव समिति
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-गलगलता मुमताज बिल्डिंग के पास पिछले चार वर्षों से हिन्दू व मुस्लिम समाज सौहार्दपूर्ण वातावरण में एक ही स्थान पर मुहर्रम, दुर्गोत्सव व गणेशोत्सव का आयोजन करते आ रहे हैं। ये हमारे संस्कारधानी की असल पूंजी है।
अमित सिंह, एसपी, जबलपुर