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तोरण-फूलों से सजेंगे घर-आंगन, महकेगी पकवानों की खुशबू

locationजबलपुरPublished: Mar 15, 2018 01:44:08 am

Submitted by:

praveen chaturvedi

हिन्दू, मराठी और सिंधी समाज का नववर्ष चैत्र नवरात्र से होता है शुरू

तोरण-फूलों से सजेंगे घर-आंगन, महकेगी पकवानों की खुशबू

cooking

जबलपुर। चैत्र नवरात्र जल्द ही आने वाला है। इसके चलते घरों में तैयारियां शुरू हो गई हैं। चैत्र से हिन्दू नववर्ष के साथ सिंधी समाज और मराठी समाज का नववर्ष भी प्रारंभ हो जाता है। एेसे में हिन्दू कम्यूनिटी के साथ ही सिंधी समाज में चेट्रीचंड और मराठी समाज में गुड़ी पड़वा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। घरों में महिलाएं खास पकवान बनाने में जुट गई हैं। विशेष दिन के लिए भी प्लानिंग भी की जा रही है।

हिन्दू समाज : कलश स्थापना की विशेष तैयारी
हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्र के साथ ही नए वर्ष के स्वागत की तैयारियों के लिए खास उत्साह नजर आ रहा है। घरों में महिलाओं द्वारा प्रतिदिन भोग बनाने की प्लानिंग अभी से हो चुकी है। वहीं जवारे के लिए भी मिट्टी को कूटने का काम शुरू हो चुका है, ताकि जवारों को हरा-भरा रोपा जा सके। इसके साथ ही नए वर्ष पर घरों में खास तरह के पकवानों को भी बनाया जाता है। इसमें कलश स्थापना की विशेष तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही व्रत धारकों के लिए भी साबूदानों के पकवानों के व्यंजन और कुट्टू के आटे को पीसना शुरू हो चुका है।

मराठी समाज : खाते हैं कड़वी नीम की चटनी
मराठी कम्यूनिटी में गुड़ी पड़वा की तैयारियां दो से तीन दिन पहले से हो जाती है, लेकिन प्रसाद गुड़ी पड़वा के दिन बनाया जाता है। खास दिन के लिए गुड़ी को सजाया जाता है। इसके लिए जरी वाली साड़ी, गहने आदि पहले से खरीद लिए जाते हैं। इसे कलरफुल बनाने के लिए कई तरह के फूल से सजाया जाता है। नववर्ष प्रारंभ होने के कारण पंचांग की प्रमुखता से पूजन किया जाता है। वहीं इस दिन निबोली चढ़ाकर कड़वी नीम की पत्तियों से बनी चटनी खाई जाती है। इसके पीछे साइंटिफिक कारण भी होता है, ताकि वर्षभर निरोगी रह सके।

सिंधी समाज : मीठे चावल से महकता है घर
चैत्र की नवरात्रि से ही सिंधी समाज के नववर्ष का शुभांरभ भी हो जाता है। घरों में बच्चों के साथ महिलाओं और युवाओं में काफी उत्साह नववर्ष को लेकर होता है। महिलाओं द्वारा भी दो से तीन पहले से अच्छे पकवानों को बनाया जाने लगा है। इंदू खत्री बताती हैं कि वे हर साल महोत्सव को लेकर कई दिनों पहले से तैयारियां शुरू कर देती हैं। पकवानों से घर महकता है, वहीं चेट्रीचंद्र दिवस के दिन मीठे चावल भोग के लिए बनाए जाते हैं।

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