नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज ज्वाइंट रिप्लेसमेंट का बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। पिछले डेढ़ साल में अस्पताल में 116 सफल ज्वाइंट रिप्लसमेंट किए गए है। इसमें 104 कूल्हा और 12 घुटने प्रत्यारोपण के केस हैं। ऐसा करके ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के मामले में कॉलेज ने स्थान बनाया है। ये जानकारी सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में सम्भागायुक्त राजेश बहुगुणा और हड्डी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. एसएन वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि बड़े शहरों और अस्पतालों में ज्वाइंट रिप्लसेमेंट सर्जरी पर तीन लाख और उससे अधिक रुपए खर्च होते हैं। मेडिकल अस्पताल में यह सर्जरी नि:शुल्क (इम्प्लांट की कीमत को छोडकऱ) की जा रही है।
कॉलेज के चिकित्सक डॉ. सचिन उपाध्याय की प्रख्यात सर्जन के साथ कई महीने की ट्रेनिंग के बाद मेडिकल अस्पताल में सर्जरी शुरू करने से गरीब मरीजों को फायदा हुआ है। आयुष्मान योजना के तहत कई ऐसे मरीजों का ज्वाइंट रिप्लेसमेंट करके नई जिंदगी दी गई है। डॉ. अशोक विद्यार्थी ने बताया सरकारी अस्पताल में सफल ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी से प्रभावित होकर आसाम, पटना तक से मरीज ऑपरेशन के लिए सम्पर्क कर रहे हैं। सम्भागायुक्त बहुगुणा ने कहा कि सरकारी अस्पताल में हर बिगड़े केस भर्ती किए जाते हैं। कोई मरीज वापस नहीं भेजा जाता। ऐसे में डॉक्टर्स पर मरीजों की जांच का भार बेहद अधिक है। उसके बावजूद चिकित्सकों का ऐसा कार्य सराहनीय है। इस अवसर पर डीन डॉ. नवनीत सक्सेना, डॉ. वायआर यादव, अधीक्षक डॉ. परवेज सिद्दकी, उपअधीक्षक डॉ. अरविंद शर्मा उपस्थित थे।