सबसे पहले थे प्रथम पूज्य-
गोविंदगंज रामलीला की श्रीराम बारात में सबसे पहले विघ्न विनाशक भगवान गणेश, फि र भगवान सूर्य, श्रीराम दरबार की झांकियों सहित अन्य देवताओं की चौकी थी। रामलीला समिति श्रीगोविंदगंज की 155 वीं श्रीराम बारात शुक्रवार को श्रद्धामय वातावरण में धूमधाम से निकली। समिति व्यास वासुदेव शास्त्रीने भगवान का तिलकवंदन कर बारात का श्रीगणेश किया।
– शहर भ्रमण के बाद जनवासा पहुंचे प्रभुश्रीराम
अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि बारात रामलीला भवन से गुड़हाई, कोतवाली, कमानिया, फु हारा, बड़े महावीर, पांडे चौक, बल्देवबाग चौक, गोपालबाग, दमोह नाका होते हुए वापस रामलीला प्रांगण में संपन्न हुई। निवाडगंज स्थित पंचकोषी मंदिर में भगवान की बारात का अभूतपूर्व स्वागत किया गया। नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव, संजय गोस्वामी ने स्वागत किया।
– भक्तों ने पखारे पैर
भगवान श्रीराम के पैर पखारने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रीरामलीला में सजीव रूप में विराजयमान भगवान श्रीराम सीता के पैर पखारने के लिए भक्त आतुर थे। भगवान की लीला कर रहे श्रीराम व जानकी के चेहरे का तेज भक्तों को मोह रहा था।
—संस्कारधानी बनी धर्मधानी, हो रहा मंचन
संस्कारधानी धर्मधानी बन गई है और यहंां प्रभु श्रीराम की लीला का मंचन हो रहा है। गोविंदगंज रामलीला के साथ ही यहां धर्मधानी गढ़ा की रामलीला, धनुष यज्ञ रामलीला समिति सदर की रामलीला, अधारताल की रामलीला, घमापुर रामलीला, हरिहर समाज गोकलपुर की रामलीला भी प्रसिद्ध है। दिल्ली की तर्ज पर यहां गढ़ा व घमापुर क्षेत्र में तो रामलीला मैदान ही है। जहां हर वर्ष मंचन होता है।