scriptअयोध्या बन जाता है यह शहर, विश्व प्रसिद्ध है जबलपुर की रामलीला | Historical Ramlila of jabalpr. this city becomes Ayodhya | Patrika News

अयोध्या बन जाता है यह शहर, विश्व प्रसिद्ध है जबलपुर की रामलीला

locationजबलपुरPublished: Sep 28, 2019 12:03:17 am

Submitted by:

Manish garg

संस्कारधानी की गोविंदगंज रामलीला अंग्रेजों के जमानें में शुरू हुई थी। 150 वर्ष पुरानी इस रामलीला में जब श्रीराम जी की बारात निकलती है तो उनके दर्शन पूजन के लिए संस्कारधानी

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श्रीराम के जयकारे सुनते ही इस शहर में सड़कों पर उमड़ पड़ते है भक्त

संस्कारधानी की गोविंदगंज रामलीला अंग्रेजों के जमानें में शुरू हुई थी। 150 वर्ष पुरानी इस रामलीला में जब श्रीराम जी की बारात निकलती है तो उनके दर्शन पूजन के लिए संस्कारधानी आयोध्या बन जाती है।
जबलपुर। राजा राम दूल्हा बने तो सारे देवता बन गए बाराती। भगवान श्रीराम लीला के मंचन पर इनकी सजीव दिव्य झांकियों को देखकर लगा ऐसा मानो सचमुझ त्रेता में श्रीराम की बारात निकल रही हो। आयोध्या बनी संस्कारधानी में भक्तों ने जगह-जगह आरती, पुष्पवर्षा कर बारात का स्वागत, सत्कार किया। भगवान की दिव्य झांकियों के दर्शन पूजन के लिए मार्ग में जगह जगह भक्त हाथों में फूल माला लेकर कतारों में खड़े थे। प्रभु श्रीराम की विवाह लीला को भी भक्तों ने बड़े ही भाव से देखा।
सबसे पहले थे प्रथम पूज्य-
गोविंदगंज रामलीला की श्रीराम बारात में सबसे पहले विघ्न विनाशक भगवान गणेश, फि र भगवान सूर्य, श्रीराम दरबार की झांकियों सहित अन्य देवताओं की चौकी थी। रामलीला समिति श्रीगोविंदगंज की 155 वीं श्रीराम बारात शुक्रवार को श्रद्धामय वातावरण में धूमधाम से निकली। समिति व्यास वासुदेव शास्त्रीने भगवान का तिलकवंदन कर बारात का श्रीगणेश किया।
– शहर भ्रमण के बाद जनवासा पहुंचे प्रभुश्रीराम
अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि बारात रामलीला भवन से गुड़हाई, कोतवाली, कमानिया, फु हारा, बड़े महावीर, पांडे चौक, बल्देवबाग चौक, गोपालबाग, दमोह नाका होते हुए वापस रामलीला प्रांगण में संपन्न हुई। निवाडगंज स्थित पंचकोषी मंदिर में भगवान की बारात का अभूतपूर्व स्वागत किया गया। नगर कांग्रेस अध्यक्ष दिनेश यादव, संजय गोस्वामी ने स्वागत किया।
– भक्तों ने पखारे पैर
भगवान श्रीराम के पैर पखारने भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रीरामलीला में सजीव रूप में विराजयमान भगवान श्रीराम सीता के पैर पखारने के लिए भक्त आतुर थे। भगवान की लीला कर रहे श्रीराम व जानकी के चेहरे का तेज भक्तों को मोह रहा था।
—संस्कारधानी बनी धर्मधानी, हो रहा मंचन
संस्कारधानी धर्मधानी बन गई है और यहंां प्रभु श्रीराम की लीला का मंचन हो रहा है। गोविंदगंज रामलीला के साथ ही यहां धर्मधानी गढ़ा की रामलीला, धनुष यज्ञ रामलीला समिति सदर की रामलीला, अधारताल की रामलीला, घमापुर रामलीला, हरिहर समाज गोकलपुर की रामलीला भी प्रसिद्ध है। दिल्ली की तर्ज पर यहां गढ़ा व घमापुर क्षेत्र में तो रामलीला मैदान ही है। जहां हर वर्ष मंचन होता है।

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