जबलपुर

कीचड़ में बदल गया हॉकी मैदान

साइंस कॉलेज, विश्वविद्यालय, पांडुताल के हॉकी मैदान बदहाल
 

जबलपुरAug 06, 2022 / 11:55 am

manoj Verma

राष्ट्रीय खेल हॉकी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले शहर में हॉकी के मैदान बदहाल हो गए हैं।

 

जबलपुर. राष्ट्रीय खेल हॉकी में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने वाले शहर में हॉकी के मैदान बदहाल हो गए हैं। इन मैदानों का रखरखाव नहीं होने से खिलाड़ी दलदल भरे मैदानों में अभ्यास करने मजबूर हैं। जिम्मेदारों की दलील है कि विभागों को ही उनके मैदानों का रखरखाव करना चाहिए।

शहर के पुलिस, साइंस कॉलेज, विश्वविद्यालय, पांडुताल आदि ऐसे मैदान हैं, जिनमें हॉकी के टर्नामेंट किए जाते हैं। ग्राउंड में स्थाई रूप से गोलपोस्ट भी बने हुए हैं। ये सभी ग्राउंड राष्ट्रीय मानक स्तर पर बनाए गए हैं, जिसमें दर्शकों को बैठने के पवेलियन भी है।

बारिश में जंगली पौध

बारिश में मैदानों की स्थिति यह हो गई है कि इसमें जंगली पौध उग रही है, जिससे मैदान की मिट्टी के खराब होने की आशंका बनी हुई है।

गोलपोस्ट का बेस खराब

इन मैदानों में गोलपोस्ट का बेस खराब हो चुका है। ढांचा जर्जर हो चुका है। पोस्ट की लकड़ी में काई लग चुकी है।

मैदान में दलदल के साथ पानी

जंगली पौधों की वजह से मैदान उबडख़ाबड़ हो गया है, जिसमें बारिश का पानी भर रहा है। शेष में कीचड़ के साथ दलदल की स्थिति बन रही है।

पवेलियर जर्जर

मैदानों के पवेलियन में बैठक व्यवस्था टूट रही है। छप्पर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

साइंस कॉलेज- साइंस कॉलेज के सामने हॉकी ग्राउंड है, जिसमें गोलपोस्ट लगे हुए हैं। मौजूदा हालात में ग्राउंड में जंगली पौध उग गई है। पोस्ट जर्जर हो गया है।

विश्वविद्यालय- रादुविवि का हॉकी ग्राउंड कीचड़ में तब्दील हो चुका है। इसमें हॉकी नहंी खेली जा रही है। जबकि इस मैदान में अंतरविश्वविद्यालयीन टूर्नामेंट होते थे।पांडुताल- रामपुर में विद्युत मंडल के इस ग्राउंड में भी जंगली पौधे उग गए हैं। जगह-जगह पानी भर रहा है, जिससे अभ्यास बंद हो गया है।

हॉकी के लिए हमारे पास सिर्फ रानीताल है। अन्य मैदानों को उनके विभाग वालों को ठीक करवाना चाहिए। रांझी और एमएलबी को व्यवस्थित कराया जाएगा।

आशीष पांडे, जिला खेल अधिकारी

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