कॉर्पोरेट कम्पनियों ने भी की तैयारी
होली पर सबसे अधिक खरीदी पिचकारियों और रंगों की होती है। इसे देखते हुए कॉर्पोरेट कम्पनियों ने बच्चों को आकर्षित करने वाली पिचकारियां बाजार में उतारी हैं। कार्टून और सीरियल के पात्रों वाली पिचकारियों के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक पिचकारी भी बाजार में उपलब्ध है।
पुराना माल ही बाजार में
व्यापारी सोमेश जैसवाल के अनुसार पिचकारियों की नई तकनीक बच्चों को आकर्षित करेगी। कई पिचकारियों में इलेक्ट्रिक डिवाइस लगाई गई है। इस बार चीन निर्मित माल नहीं मंगाया गया है। पुराना बचा माल ही बाजार में है।
50 फीसदी मांग
विक्रेता कमल के अनुसार इस बार हर्बल गुलाल और रंगों की मांग 50 फीसदी है। यह थोड़ा महंगा है, लेकिन इसके उपयोग से नुकसान नहीं होने के कारण लोग खरीदते हैं। शहर में करीब 50 प्रतिशत ग्राहक देशी गुलाल और रंग खरीदते हैं।
स्थानीय बाजार की स्थिति
40 से अधिक बडे़ डीलर रंग-पिचकारी के कारोबार में
10 से 50 रुपए में मिल रही एक डिब्बी साधारण रंगों की
30 से 100 रुपए हर्बल रंग तक प्रति 10 ग्राम
10 से 20 रुपए प्रति 100 ग्राम साधारण गुलाल
25 से 40 रुपए हर्बल गुलाल तक प्रति 100 ग्राम