जबलपुर

होली 2021: 22 से होलाष्टक, खास योग में जलेगी होली, इनके लिए होगी फायदेमंद

होली 2021: 22 से होलाष्टक, खास योग में जलेगी होली, इनके लिए होगी फायदेमंद
 

जबलपुरMar 17, 2021 / 10:10 am

Lalit kostha

Ujjain News: शहर में मचा पंचमी का हुल्लड़, गली-चौराहों में धमा-चौकड़ी और रंगारंग गैर

जबलपुर. इस बार होली पर ध्रुव योग बनने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार होली के दिन चंद्रमा कन्या राशि में गोचर करेगा। साथ ही मकर राशि में गुरु और शनि विराजमान होंगे। शुक्र और सूर्य मीन राशि में रहेंगे। मंगल और राहु वृषभ राशि, बुध कुम्भ राशि और मोक्ष के कारण केतु वृश्चिक राशि में विराजमान होंगे। इस योग के कारण इस साल होली का खास महत्व माना जा रहा है। इस बार होलिका दहन 28 मार्च को होगा, इसलिए होलाष्टक 22 मार्च से रहेंगे। होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित हैं, लेकिन जन्म और मृत्यु से जुड़े काज हो सकते हैं।

रंगों का त्योहार
ध्रुव योग में पड़ेगी होली, 22 से होलाष्टक
आठ दिन के लिए शुभकार्य होंगे बंद

होलाष्टक का महत्व
विद्वानों के अनुसार होलाष्टक की अवधि भक्ति की शक्ति का प्रभाव बताती है। इस अवधि में तप करना ही अच्छा रहता है। होलाष्टक शुरू होने पर एक पेड़ की शाखा काट कर उसे जमीन पर लगाते हैं। इसमें रंग-बिरंगे कपड़ों के टुकड़े बांध देते हैं। इसे भक्त प्रह्लाद का प्रतीक माना जाता है। जिस क्षेत्र में होलिका दहन के लिए एक पेड़ की शाखा काट कर उसे जमीन पर लगाते हैं, उस क्षेत्र में होलिका दहन तक कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता।

होलाष्टक के दौरान नहीं करें ये काम

पंडित जनार्दन शुक्ला ने बताया कि सनातन धर्म की परम्परा के तहत होलाष्टक में 8 दिन तक मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। मान्यता है कि इस दौरान शादी-विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, मांगलिक कार्य, नया व्यवसाय या नया काम शुरू करने से बचना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक शुरू होने के साथ ही 16 संस्कार जैसे नामकरण संस्कार, जनेऊ संस्कार, गृह प्रवेश, विवाह संस्कार जैसे शुभ कार्यों पर भी रोक लग जाती है। किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किया जाता है। इसके अलावा नव विवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है।

Home / Jabalpur / होली 2021: 22 से होलाष्टक, खास योग में जलेगी होली, इनके लिए होगी फायदेमंद

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.