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सेहत: ये देशी नुस्खा रग-रग में भर देता है जोश, इसमें छिपा है इम्यूनिटी का खजाना

locationजबलपुरPublished: Oct 20, 2018 05:30:51 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

रिसर्च में प्रमाणित हुई यह बात

home remedies for health

ये देशी नुस्खा रग-रग में भर देता है जोश

जबलपुर। इम्यून पॉवर, जोश और शक्ति को बढ़ाने के लिए तरह-तरह की दवाएं बाजार में हैं। हालांकि इस बात की गारंटी नहीं कि वे सेहत के लिहाज से पूरी तरह खरी ही उतरें। कई दवाओं के साइड इफेक्ट भी संभावित हैं, लेकिन एक ऐसी देशी दवा है, जिसका इफेक्ट शरीर को केवल पुष्ट बनाता है। ये देशी दवा है चना… जी हां, वैज्ञानिक शोध में भी यह बात साबित हो चुकी है कि चने में पौरुष शक्ति और इम्यून पॉवर को बढ़ाने के गुण भरे पड़े हैं। रोजाना सुबह एक मुठ्ठी चने का जायका रगों में अश्व की तरह जोश भर सकता है। इसेखाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध उत्तम क्वालिटी का प्रोटीन सेहत को और भी कई प्रकार के फायदे पहुंचाता है।

सबसे अच्छा प्रोटीन
डायटीशियन अनुष्का शर्मा कहती हैं कि वैसे तो सोयाबीन में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, लेकिन देसी चने का प्रोटीन सर्वोत्तम है। जेएनकेविवि में हुए रिसर्च में यह बात सामने आई है कि चने में मौजूद प्रोटीन ज्यादा सुपाच्य और सेहतकारी होता है। फाइवर की मात्रा अधिक होने के कारण चने को खाते ही इसमें मौजूद प्रोटीन आंतों से सामंजस्य बैठा लेता है और इसे पचने में आसान बना देता है। आंतों बनने वाला इसका रस सीधे तौर पर प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इसके सेवन से दुबले लोगों में जहां वसा यानी फेट बढ़ता है, वहीं स्थूल शरीर वालों को यह दूसरे हिसाब से फायदा पहुंचाकर उनके पाचन तंत्र को मजबूत करता है। हालांकि किसी रोग या समस्या होने की दशा में किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेकर ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए।

कमजोरी होती है दूर
शहर के जाने-माने डायटीशिन आरके दुबे के अनुसार चनों को खाने का नियम यह है कि इन्हें रात को मिट्टी या चीनी मिट्टी के बर्तन में पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर इसे खूब चबा-चबाकर खाएं। इससे पौरुष संबंधिी कमजोरी से जुड़ी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं। इसे शहद या गुण के साथ भी खाया जा सकता है। इससे इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। चने में मौजूद फाइबर, प्रोटीन व अन्य तत्व शरीर में स्फूर्ति देने के साथ शरीर के तापमान को भी संतुलित करते हैं।

भागते हैं ये रोग
डायटीशियन्स का मानना है कि बादाम की तरह चना भी शरीर के लिए बेहद हितकारी है। अधिक फैटी लोगों को बादाम नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन चना सुलभ व फायदेमंद है। इसी तरह भुने हुए चनों का सेवन के सेवन से बार-बार पेशाब जाने की बीमारी दूर होती है। गुड़ व चना खाने से भी मूत्र से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है। रोजाना भुने चनों के सेवन से बवासीर ठीक हो जाता है। रात में सोते समय भुने हुए चने को छिलकों सहित चबाकर खाने व इसके बाद गुनगुना दूध पीने से सांस की से संबंधित बीमारियों से छुटकारा मिलता है। कफ भी शांत होता है। छिलका युक्त चना पाचन तंत्र का सुदृढ़ बनाता है। इसमें किसी तरह के साइड इफेक्ट नहीं हैं, लेकिन इहतियातन तौर पर इसका सेवन योग्य वैद्य या चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।

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