scriptआपदा प्रबंधन विभाग के पास नहीं आधुनिक उपकरण, शासन से मांगी राशि | homegaurd : Disaster management department has no modern equipments | Patrika News

आपदा प्रबंधन विभाग के पास नहीं आधुनिक उपकरण, शासन से मांगी राशि

locationजबलपुरPublished: Jun 08, 2019 10:24:07 pm

Submitted by:

praveen chaturvedi

शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा विशेषकर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए होमगार्ड के आपदा प्रबंधन विभाग ने शासन से अतिरिक्त संसाधनों की मांग की है। गम्भीर परिस्थितियों में उसे नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) या सेना की मदद लेनी पड़ती है।

hoshangbad,harda,handiya, panchkroshi yatra, meeting

hoshangbad,harda,handiya, panchkroshi yatra, meeting

जबलपुर। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदा विशेषकर बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए होमगार्ड के आपदा प्रबंधन विभाग ने शासन से अतिरिक्त संसाधनों की मांग की है। छोटी आपदाओं से निपटने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन गम्भीर परिस्थितियों में उसे नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (एनडीआरएफ) या सेना की मदद लेनी पड़ती है। होमगार्ड के पास पारम्परिक संसाधन तो हैं, लेकिन आधुनिक उपकरणों की कमी है। डीप डाइविंग किट, कम्यूनिकेशन डिवाइज की संख्या बढऩे से आपात स्थितियों से निपटना और आसान हो सकता है। मोटर बोट में आधुनिक यंत्र नहीं लगाए गए हैं। अधिकतर मोटर बोट में अलग से इंजन फिट किए जाते हैं।

अभी ये है व्यवस्था
– इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर होमगार्ड कार्यालय में आठ-आठ जवानों की टीम की तैनाती की गई है।
– क्यूआरटी की टीम 24 घंटे तैनात रहती है। टीम के पास एक स्पेशल वीकल भी है।
– डिजास्टर रिलीफ सेंटर में सिंगलदीप (पनागर), सिहोरा, मझौली, भेड़ाघाट और ग्वारीघाट थानों में टीम।
– राज्य आपदा आपातकालीन मोचन बल (एसडीइआरएफ) 28 जवानों की टीम है, जो 24 घंटे तैनात रहती है।

विभाग के पास संसाधन
– आस्का लाइट : पैराशूट के कपड़े के ऊपर लगी आस्का लाइट 300 मीटर दूरी तक रोशनी देतीहै।
– रबर बोट : यह रेडीेमेड वोट है। पानी में फंसे लोगों को निकालने में कारगर होती है।
– डीप डाइविंग किट : गहरे पानी में डूबे व्यक्ति को निकालने में विभाग के दक्ष तैराक इसे पहनकर अंदर जाते हैं।
– चिपिंग हैमर : पानी के भीतर या बाहर आपात स्थिति में बड़े पत्थरों को इसकी मदद से तोड़ा जा सकता है।
– लाइफ बॉय : पानी में फंसे लोग फाइवर से बने इस चक्र को पकडकऱ बाहर निकल सकते हैं।
– लाइफ जैकेट : पानी में फंसे लोग इसे पहनकर अपनी जान बचा सकते हैं। यह 24 घंटे से अधिक समय तक काम करती है।
– विक्टिम लोकेटेड कैमरा : यह आधुनिक उपकरण है। इसकी मदद से किसी इमारत के भीतर की लोकेशन का पता लगाया जाता है।
– वाटर फ्लोटिंग पम्प : इसका उपयोग पानी निकालने में किया जाता है। यह पम्प एक मिनट में एक से तीन हजार लीटर पानी बाहर कर सकता है।


होमगार्ड के कम्पनी कमांडर नरेश साहू ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं। जरूरत पडऩे पर एनडीआरएफ और सेना से मदद ले सकते हैं। अतिरिक्त उपकरणों की आवश्यकता से शासन को अवगत कराया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो