सुबह खाक मिली झोपड़ी
ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम तक सब कुछ सामान्य था। जबलपुर के शास्त्री नगर में रहने वाले ३८ वर्षीय हर्षल नावले यहां घुघरी के दियाटोला ग्राम में बन रहे अपने पोल्ट्री फार्म पर बैठे दिखाई दिए थे। शनिवार सुबह ग्रामीण नींद जागे तो झोपड़ी पूरी तरह खाक मिली। किसी ने अंदाजा भी नहीं लगाया था कि झोपड़ी के अंदर हर्षल का शव होगा। ग्रामीणों ने समीप जाकर देखा तो वे स्तब्ध रह गए। झोपड़ी में हर्षल का बुरी तरह झुलसा हुआ शव पड़ा था।
ग्रामीणों ने बताया कि शुक्रवार की देर शाम तक सब कुछ सामान्य था। जबलपुर के शास्त्री नगर में रहने वाले ३८ वर्षीय हर्षल नावले यहां घुघरी के दियाटोला ग्राम में बन रहे अपने पोल्ट्री फार्म पर बैठे दिखाई दिए थे। शनिवार सुबह ग्रामीण नींद जागे तो झोपड़ी पूरी तरह खाक मिली। किसी ने अंदाजा भी नहीं लगाया था कि झोपड़ी के अंदर हर्षल का शव होगा। ग्रामीणों ने समीप जाकर देखा तो वे स्तब्ध रह गए। झोपड़ी में हर्षल का बुरी तरह झुलसा हुआ शव पड़ा था।
कर्मचारी के साथ पी शराब
घटना की सूचना के बाद चरगांव थाना प्रभारी शिवराम तरोले टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। छानबीन शुरू की तो पता चला कि हर्षल शुक्रवार की रात अपने कर्मचारी दिलीप गौंड के साथ थे। टीआई तरोले के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में दिलीप ने बताया कि हर्षल ने शुक्रवार को उन्हें अपने फार्म में बुलाया था। दोनों ने साथ में ही बैठकर शराब भी पी थी। बाद में दिलीप आ गया और हर्षल वहीं झोपड़ी में सो गया था।
घटना की सूचना के बाद चरगांव थाना प्रभारी शिवराम तरोले टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। छानबीन शुरू की तो पता चला कि हर्षल शुक्रवार की रात अपने कर्मचारी दिलीप गौंड के साथ थे। टीआई तरोले के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में दिलीप ने बताया कि हर्षल ने शुक्रवार को उन्हें अपने फार्म में बुलाया था। दोनों ने साथ में ही बैठकर शराब भी पी थी। बाद में दिलीप आ गया और हर्षल वहीं झोपड़ी में सो गया था।
ठंड से बचने जलाई आग
पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि शराब पीने के बाद हर्षल ने झोपड़ी के समीप ही आग जलायी थी। रात में काफी देर तक वे यहीं बैठे रहे। प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत हो रहा है कि हर्षल ने सोने से पहले आग में पानी नहीं डाला। रात में जब वह झोपड़ी में सो रहा होगा तभी हवा के झोकों के साथ आग झोपड़ी तक पहुंच गई और उसे अपनी आगोश में ले लिया। झोपड़ी के समीप है धान का पैरा रखा हुआ है। संभवत: आग पहले पैरा में लगी। बाद में झोपड़ी तक पहुंच गई। इसकी आगोश में आने से हर्षल बुरी तरह झुलस गया और उसकी मौत हो गई। पुलिस दिलीप के अलावा अन्य ग्रामीणों से भी पूछताछ कर रही है।
पुलिस के अनुसार पूछताछ में पता चला है कि शराब पीने के बाद हर्षल ने झोपड़ी के समीप ही आग जलायी थी। रात में काफी देर तक वे यहीं बैठे रहे। प्रथम दृष्ट्या यह प्रतीत हो रहा है कि हर्षल ने सोने से पहले आग में पानी नहीं डाला। रात में जब वह झोपड़ी में सो रहा होगा तभी हवा के झोकों के साथ आग झोपड़ी तक पहुंच गई और उसे अपनी आगोश में ले लिया। झोपड़ी के समीप है धान का पैरा रखा हुआ है। संभवत: आग पहले पैरा में लगी। बाद में झोपड़ी तक पहुंच गई। इसकी आगोश में आने से हर्षल बुरी तरह झुलस गया और उसकी मौत हो गई। पुलिस दिलीप के अलावा अन्य ग्रामीणों से भी पूछताछ कर रही है।