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ग्वारीघाट को पवित्र क्षेत्र घोषित किया गया है लेकिन इसके बाद भी यहां नाले का पानी मिल रहा है। जानकारों के मुताबिक लाखों लीटर पानी रोजाना नर्मदा नदी में पहुंच रहा है। इसके पीछे जिम्मेदारों की लापरवाही सामने आ रही है। दरअसल,वॉटर फिल्टर प्लांट लगने होने के बाद भी यह स्थिति अधिकारियों की कार्यगुजारी की कलई खोल रही है।
बेमतलब हुआ प्लांट
दारोगा घाट के समीप लगाया गया नया वॉटर फिल्टर प्लांट बेमतलब साबित हो रहा है। यह फिल्टर प्लांट शोपीस बनकर रह गया है। घाट के समीप दुकान लगाने वालों ने बताया कि फिल्टर प्लांट बंद होने के कारण यह हालात निर्मित हुए हैं। एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि फिल्टर प्लांट को अक्सर बंद करके रखा जाता है जिससे गंदा पानी नर्मदा में मिल रहा है।
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1 करोड़ 67 लाख का फिल्टर प्लंट
दो वर्ष पहले नगर निगम ने नया फिल्टर प्लांट लगाया है। जिसकी कीमत करीब १करोड़ ६५ लाख रुपए हैं। इसके पहले यहां कम क्षमता वाला फिल्टर प्लांट लगा हुआ था। पुराने फिल्टर प्लांट से १.२० लाख लीटर पानी शुद्ध होता था। इसकी क्षमता कम होने के कारण नगर निगम द्वारा नए फिल्टर प्लांट की व्यवस्था की गई। उक्त प्लांट की क्षमता पांच लाख लीटर पानी शुद्ध करने की है। हालांकि नए फिल्टर प्लांट के बाद भी नर्मदा में दूषित पानी मिलना बंद नहीं हो सका।
नर्मदा में दूषित पानी मिलने के कारण जीव जन्तुओं पर संकंट मंडरा रहा है। नाविकों ने बताया कि गंदे पानी के कारण जलीय जन्तु मर रहे हैं। नाले का मटमेला पानी आगे न जाए इसके लिए मेड़ बना दी गई है।
वॉटर फिल्टर प्लांट बंद नहीं होता है। वह निरंतर चलता रहता है। इसके बाद भी यदि नाले का पानी मिल रहा है तो इसे जल्द ही दिखवाया जाएगा। समस्या को दूर कराउंगा।
अजय शर्मा, इंजीनियर,नगर निगम