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दु:खद : ये कौन सी घोड़ी पर चढ़ चला दूल्हा कि रो पड़ी कॉलोनी

locationजबलपुरPublished: Mar 29, 2018 07:24:18 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

गौर बायपास पर देर रात हुआ हादसा, एक की मौत, दो गंभीर, 18 को थी हिमांशु की शादी

Painful story

Painful story of death

जबलपुर। अगले माह उसकी शादी होने वाली थी। सगाई की रस्म और प्री-वैडिंग शूटिंग के साथ बारात घर भी बुक हो गया था। घर पर तैयारियों को दौर था। सभी खुश थे कि 18 अपै्रल को हिमांशु घोड़ी पर चढकऱ जाएगा और सपनों की नई नवेली दुल्हन को लेकर आएगा, लेकिन ये क्या..? गुुरवार को 22 वर्षीय हिमांशु की जिस तरह विदाई हुई, उसे देखकर पूरी कॉलोनी रो पड़ी। हर शख्स गमगीन हो गया। दरअसल गौर बायपास के समीप सडक़ हादसे में अग्रवाल कॉलोनी निवासी हिमांशु शुक्ला की मौत हो गई। परिवार का इकलौता चिराग बुझ गया। मां बेसुध और बेबस हो गई। हादसे ने नई नवेली दुल्हन के रूप में युवती की आंखों बसे सपने को भी चूर कर दिया। हादसे के बारे में जिसने भी सुना उसकी आंखें छलक आयीं।

ऐसे हुआ हादसा
पुलिस के अनुसार हिमांशु यहां बरेला रोड स्थित एक बिल्डर के यहां प्राइवेट जॉब करता था। बुधवार को उसके एक मित्र के यहां पार्टी थी। वह कमला नेहरू नगर निवासी उत्कर्ष गुप्ता व गढ़ा, शुक्ला नगर निवासी सम्राट दुबे के साथ पार्टी में शामिल होकर रात करीब 12.30 बजे कार से वापस घर लौट रहा था। सुनसान रोड पर कार की रफ्तार काफी तेज थी। गौर बायपास के समीप कार अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। हिमांशु और सम्राट उछलकर दूर जा गिरे। उत्कर्ष कार में ही फंसा रह गया।

वाहन चालकों की मदद
कार को पलटा हुआ देख सडक़ से गुजर रहे वाहन चालकों ने सडक़ पर पड़े हिमांशु व सम्राट को उठाया। उत्कर्ष को भी कार से बाहर निकाला और पुलिस की मदद से सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया। सुबह चिकित्सकों ने हिमांशु को मृत घोषित कर दिया। उत्कर्ष व उसके दोस्त सम्राट दुबेको भी गंभीर चोटें हैं। हालांकि उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। बताया गया है कि कार उत्कर्ष चला रहा था। उत्कर्ष के पिता की यहां कमला नेहरू नगर में स्वीट्स की शॉप है।

उजड़ गए सपने
हिमांशु के पारिवारिक सदस्य अरुण शुक्ला व चाचा अतुल शुक्ला के अनुसार हिमांशु के पिता अनिल शुक्ला की कुछ साल पहले मृत्यु हो चुकी है। वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान और पिता के देहांत के बाद मां स्वाति शुक्ला के लिए एक मात्र सहारा..। हिमांशु की हाल ही में दमोह में मिश्रा परिवार में शादी तय हुई है। 18 अपै्रल को उसकी शादी होने वाली थी। शादी की तैयारियां जोरों पर चल रही थीं। बारात घर, घोड़ी, बैंडबाजे सब बुक हो चुके थे। दर्दनाक हादसों ने कई सपनों को छीन लिया। हिमांशु के सपने उसके साथ चले गए। उसके साथ सात फेरों की सपने देख रही युवती के ख्वाबों को नियति ने ध्वस्त कर दिया। अब मां स्वाति के सपने आंसुओं के रूप में धार-धार बह रहे हैं। वह कलेजे के टुकड़े हिमांशु की सगाई और उसकी प्री-वेडिंग की शूटिंग की तस्वीरों को गले से लगाए हुए बस रो रही हैं।

दोपहर बाद रानीताल मुक्तिधाम के लिए जैसे ही हिमांशु की अर्थी निकली, परिचित, रिश्तेदार और कॉलोनी के लोग उमड़ पड़े। हर आंख नम हो गई। हर जुबां यही कह रही थी कि नियति किसी को कभी ये दिन न दिखाए।

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