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रेलवे के सबसे बड़े गुनहगार, डाल रहे हजारों यात्रियों की जान खतरे में…

locationजबलपुरPublished: Oct 16, 2019 12:48:29 pm

Submitted by:

Lalit kostha

रेलवे के सबसे बड़े गुनहगार, डाल रहे हजारों यात्रियों की जान खतरे में…
 

horrible train accident

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जबलपुर. कटनी के संसारपुर के पास जबलपुर से अजमेर जा रही दयोदय एक्सप्रेस के इंजन की कपलिंग टूटने की घटना को चंद रोज भी नहीं बीते थे कि एक बार फिर अजमेर से जबलपुर आते समय यह दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इन दोनों मामलों ने ट्रेनों के मैंटेनेंस में हो रही मनमानी उजागर कर दी है। दयोदय का मैंटनेंस जबलपुर कोचिंग डिपो में ही होता है। एक सप्ताह में दो बार हुई इन घटनाओं से यात्री दहशत में आ गए हैं। ऐसे में लोग इन्हें काम में ईमानदारी न बरतने वाला या कामचोर तक कहने लगे हैं। क्योंकि इनकी लापरवाही ही यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।

मेंटेनेंस में चूक, बार-बार दुर्घटनाग्रस्त हो रही दयोदय, कपलिंग टूटने के बाद फिर गुना में पलटे डिब्बे, यात्रियों में दहशत

दयोदय सबसे महत्वपूर्ण
जबलपुर को सीधे जयपुर से जोडऩे वाली दयोदय महत्वपूर्ण टे्रन है। व्यापारियों समेत कोटा जाने वाले विद्यार्थी और जयपुर जाने वाले सैलानी इस ट्रेन का उपयोग करते हैं।

 

horrible train accident
IMAGE CREDIT: patrika

पांच घंटे कम से कम
जानकारों की मानें तो ट्रेनों के मेंटेनेंस में कम से कम पांच घंटे का समय लगता है। इसमें प्रायमरी मेंटेनेंस शामिल होता है, जिसमें साफ-सफाई होती है। इसके बाद असल मेंटेनेंस में ट्रेन के सभी पहिए, शॉकप, कपलिंग समेत इलेक्ट्रिक की जांच होती है। आधुनिक मशीनों से यह काम होता है।

ब्रेक ब्लॉक तक हो गए थे खत्म
कुछ समय पूर्व कोचिंग डिपो में ब्रेक ब्लॉक खत्म हो गए थे। नए ब्रेक ब्लॉक बुलवाने की जगह अफसर पुराने ब्रेक ब्लॉक लगा ट्रेनों को रवाना कर रहे थे। मामला खुला, तो आनन-फानन में ब्रेक ब्लॉक बुलवाए गए।
पेस्ट कंट्रोल में भी मनमानी

 

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IMAGE CREDIT: Patrika

पेस्ट कंट्रोल के नाम पर भी कोचिंग डिपो में मनमानी की जा रही है। यही कारण है कि पिछले कुछ समय में कई ट्रेनों में चूहे मिलने और चूहों द्वारा यात्रियों के बैग कतरने के मामले सामने आए।
इलेक्ट्रिक मेंटेनेंस भी मनमाना

कुछ समय पूर्व शिखरजी के लिए जबलपुर से रवाना की गई स्पेशल ट्रेन में भारी खामियां सामने आईं। ये खामी इलेक्ट्रिक विभाग की थी। कई कोचों के पंखे और लाइट बंद हो गए। मामले ने तूल पकड़ा, तो यहां से इंजीनियर्स और अधिकारियों कंी टीम को ट्रेन में भेजा गया। तब मामला शांत हुआ।

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